जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि हमारी योजनाओं के कारण लोग कहने लगे हैं कि कांग्रेस सरकार आ सकती है। सरकार आ सकती है और सरकार आ रही है। इसमें बहुत फर्क होता है। इसके लिए मेहनत करनी पड़ेगी। योजनाओं से पब्लिक पर्सेप्शन बदला है, लेकिन सरकार बनाने के लिए बहुत-सी चीजें करनी होती हैं। उसमें कई फैक्टर काम करते हैं। मुझे पता है, हम कहां कमजोर हैं। कहां ठीक हैं। गहलोत प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक को सीएम हाउस से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।

गहलोत ने कहा- कांग्रेस पदा​धिकारी अगर फील्ड में मेहनत करेंगे तो पब्लिक पर्सेप्शन बदलेगा। अब तक जो लोग कह रहे हैं कि सरकार आ सकती है। आप फील्ड में सरकार की स्कीम्स का माहौल बना दोगे तो एक महीने में ही लोग कहने लगेंगे- कांग्रेस सरकार आ रही है। पहली बार माहौल बना है। आप लोग मेहनत करोगे तो ही हम कामयाब होंगे।

चुनाव जीतने के लिए कई चीजें करनी पड़़ती हैं

गहलोत ने कहा- प्रदेश में जो माहौल बना है, वह मेरे अकेले की वजह से नहीं बना है। केवल बजट पेश करना ही सब कुछ नहीं होता। बजट पेश करना और बजट इंप्लीमेंट करना अलग-अलग बात होती है। मैंने अधिकांश घोषणाओं को इंप्लीमेंट करना शुरू कर दिया है। इन सब बातों के बावजूद हमें चुनाव जीतने के लिए कई बातें करनी पड़ती हैं। इनमें व्यवहार भी है, मेहनत और जनसंपर्क सहित कई बातें शामिल हैं।

भाजपा में वॉशिंग मशीन लगी है, दूसरी पार्टी से नेता की एंट्री होते ही पाक साफ

सीएम गहलोत ने महाराष्ट्र में एनसीपी विधायकों के बीजेपी सरकार में शामिल होने के मामले में तंज कसा। गहलोत ने कहा- प्रधानमंत्री ने भोपाल में कहा कि एनसीपी ने 70 हजार करोड़ का घोटाला कर दिया। तीन दिन बाद उसी एनसीपी से विधायक तोड़ लिए और मंत्री बना दिया। भाजपा के पास वाॅशिंग मशीन लगी हुई है। जैसे ही दूसरी पार्टी के नेता इनकी पार्टी में शामिल होते हैं, वे पाक साफ हो जाते हैं। तीन दिन पहले जिस एनसीपी पर आरोप लगा रहे थे, उन्हें मंत्री बना दिया। महाराष्ट्र में जिन लोगों ने शपथ ली, उन सब पर ईडी के चार्जेज थे। अजीत पवार पर तो 1000 करोड़ का चार्ज था। बीजेपी सरकार में शामिल होते ही सब पाक साफ हो गए। इनका जिस तरह का बर्ताव है, पता नहीं देश किस दिशा में जाएगा।

पहले सब सिफारिश करवाते हैं, बाद में पांच पदाधिकारी नहीं मिलते

गहलोत ने कहा- पहले पदाधिकारी बनने के लिए लोग सिफारिश करवाते हैं कि हमें कार्यकारिणी में पद मिलना चाहिए। पदाधिकारी बनने के बाद हालत यह हो जाती है कि प्रदेश अध्यक्ष को पांच लोग भी काम करने वाले नहीं मिलते हैं। अध्यक्ष ढूंढता रह जाता है। यह क्या तरीका होता है? जब कोई पदाधिकारी बना है तो वह खुद प्रदेश अध्यक्ष को आकर कहे कि मैं क्या काम कर सकता हूं। पद मिलने के बाद ज्यादातर पदाधिकारी इनएक्टिव हो जाते हैं।

कांग्रेस में धैर्य रखने वालों को पद मिलते हैं
गहलोत ने कहा- सोनिया गांधी ने एक बार कहा था कि सब को धैर्य रखना चाहिए। हर कोई विधायक और सांसद नहीं बन सकता। धैर्य रखने वालों को कभी न कभी पद मिलता है। कई उदाहरण सामने हैं, कई ऐसे लोग विधायक, सांसद बने जो सोच भी नहीं सकते थे। इस समय जो पदाधिकारी बने हैं उन पर जिम्मेदारी ज्यादा है। इस वक्त हमारी केंद्र में सरकार नहीं है। हम जब पहली बार पदाधिकारी बने, तब केंद्र में और ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस की सरकारें थीं। अब हमारे सामने चैलेंज है, हमें राहुल गांधी और खड़गे साहब के हाथ मजबूत करने हैं।

गहलोत बोले- कूल्हे या सिर में चोट लग जाती तो और दिक्कत हो जाती

सीएम गहलोत ने कांग्रेस पदाधिकारियों से कहा कि पैर के अंगूठों में फ्रैक्चर के कारण ठीक होने में अभी 10 से 15 दिन का समय और लगेगा। मेरे दोनों पैर के अंगूठों में फ्रैक्चर हो गया, ऐसा तो कभी होता नहीं है। डॉक्टर भी कह रहे हैं कि हम पहली बार ऐसा केस देख रहे हैं कि दोनों पैरों के अंगूठों में एक साथ फ्रैक्चर हो जाए। ऐसा कभी होता नहीं है, लेकिन मेरे साथ हुआ है। अगर इससे ज्यादा लग जाती, कूल्हे या सिर पर चोट लग जाती तो और दिक्कत हो सकती थी।