जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

फार्मासिस्ट के बाद अब नर्सिंग ऑफिसर भर्ती भी हाई कोर्ट में अटक गई है। कोर्ट ने नर्सिंग भर्ती में 20 जुलाई तक चयन सूची जारी करने पर रोक लगा दी है। इससे करीब 8,750 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को झटका लगा है। जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ अब फार्मासिस्ट व नर्सिंग भर्ती मामले में एक साथ सुनवाई करेगी।

याचिकाकर्ता भरत बेनीवाल ने बताया कि हमने भर्ती में लिखित परीक्षा नहीं करवाने के विभाग के निर्णय को चुनौती दी थी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आनंद शर्मा ने बताया- राजस्थान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान सीधे जनरल नर्सिंग और मिडवाइफरी में डिप्लोमा या फिर उनके समकक्ष योग्यता प्राप्त अंकों के आधार पर नियुक्तियां दे रहा था। इसे हमने चुनौती देते हुए कोर्ट को बताया कि अलग-अलग राज्यों की यूनिवर्सिटी का स्टडी पैटर्न, परीक्षा का तरीका, अंक देने का पैटर्न सब अलग-अलग होता है। ऐसे में केवल एकेडमिक डिग्री के अंकों के आधार पर नियुक्ति नहीं दी जानी चाहिए।

कोर्ट ने नर्सिंग भर्ती को भी फार्मासिस्ट भर्ती के मामले के साथ टैग किया

हमने कोर्ट को यह भी बताया कि एक तरफ तो विभाग नर्सिंग की संविदा भर्ती में लिखित परीक्षा ले रहा है, लेकिन परमानेंट भर्ती में सीधे एकेडमिक व प्रोफेशनल डिग्री के अंकों के आधार पर नियुक्ति दे रहा है। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने नर्सिंग भर्ती को भी फार्मासिस्ट भर्ती के मामले के साथ टैग कर दिया है। विभाग को इस मामले में विस्तृत जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।