उदयपुर के ऐतिहासिक जगदीश मंदिर जाने वाले हैं तो पहले अपने पहनावे को जांच लें। शॉर्ट टी शर्ट, शॉर्ट जींस, बरमुडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट जैसी ड्रेस में आपको एंट्री नहीं मिलेगी। कुल मिलाकर अगर आपने छोटे कपड़े पहने हैं तो प्रवेश की उम्मीद मत करिए।
400 साल पुराने इस मंदिर परिसर में 4-5 दिन पहले लगे पोस्टर चर्चा में हैं। इन पोस्टर्स पर साफ-साफ लिखा है-
सभी भक्तों को सूचित किया जाता है कि श्री जगदीश मंदिर परिसर में शॉर्ट टी शर्ट, शॉर्ट जींस, बरमुंडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट आदि पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
कृपया इस नियम का विशेष ध्यान रखें। ऐसा करने पर मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा।
संस्कृति के प्रति जागरूक करने का प्रयासमंदिर के विनोद पुजारी कहते हैं- मंदिर में शॉर्ट कपड़े पहनकर नहीं आने की अपील की गई है। अगर कोई छोटे कपड़े पहनकर आ ही जाता है, तो उसे प्रवेश से रोका नहीं जाएगा। ऐसा बोर्ड भक्तों को हिंदू संस्कृति के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से लगाया गया है। ताकि वे आगे स्वेच्छा से इसका पालन करें।
अपील... छोटे कपड़े पहनकर मंदिर न आएं
मंदिर की देखरेख करने वाली धर्मोत्सव समिति अध्यक्ष और जगन्नाथ रथयात्रा समिति संयोजक दिनेश मकवाना कहते हैं- जनभावना को देखते हुए छोटे कपड़े पहनकर प्रवेश करने पर रोक का निर्णय लिया है। लोगों से अपील की जाती है कि वे मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर न आएं। मंदिर में कुछ टूरिस्ट के शराब पीकर प्रवेश की भी शिकायत मिली है। इस पर समिति जल्द निर्णय लेगी।
छोटे कपड़े पहनकर आने वालों के लिए बनेगा चेजिंग रूम
जानकारी के अनुसार, छोटे कपड़े पहनकर आने वालों के लिए मंदिर के गेट पर चेजिंग रूम बनाया जाएगा। इसमें कुर्ते पायजामा और महिलाओं के लिए फुल स्लीव के कपड़े रखे जाएंगे। ताकि वे छोटे कपड़ों को चेंज करके मंदिर में प्रवेश कर सकें।
मंदिर से संबंधित पदाधिकारी अभी यह खुलकर नहीं बोल रहे हैं कि छोटे कपड़े पहनकर आने वालों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। पोस्टर जरूर लगाया गया है कि छोटे कपड़े में आने वालों को प्रवेश नहीं मिलेगा।
इस मंदिर में भी नहीं मिलता है प्रवेश
ऐसा नहीं है कि ऐसा पहली बार है कि किसी मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर जाने पर रोक लगाई गई है। कुछ महीने पहले ही भीलवाड़ा (राजस्थान) के मेवाड़ क्षेत्र के प्रसिद्ध भगवान कोटड़ी चारभुजानाथ मंदिर में भी ड्रेस कोड लागू किया गया है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं से मर्यादित कपड़े पहनकर आने की अपील की गई थी। छोटे कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर के बाहर से ही दर्शन करना पड़ता है। मंदिर ट्रस्ट का दावा है कि भक्तों के सुझाव के बाद ही यह निर्णय लिया गया था।
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