श्रीगंगानगर - राकेश शर्मा

सहायक औषधि नियंत्रक श्री अशोक कुमार मित्तल ने बताया कि तत्कालीन औषधि नियंत्रण अधिकारी श्रीगंगानगर द्वारा पूर्व में निःशुल्क दवा योजना के तहत सप्लाई निशुल्क दवाओं में से मेसर्स क्रियेटिव हैल्थ केयर प्राईवेट लिमिटेड प्लोट नम्बर 25, कुनदेशवरी विलेज, काशीपुर-244713 उतराखंड द्वारा निर्मित औषधि केल्शियम और विटामिन डी3 ससपेंशन का नमूना विश्लेषण हेतु लिया गया था, जो कि राजकीय विश्लेषण प्रक्रिया में अवमानक कोटि का घोषित हुआ, जिसमें औषधि नियंत्रण अधिकारी द्वारा प्रकरण में जांच पूर्ण कर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत माननीय न्यायालय सीजेएम गंगानगर में श्रीमती अमृता सोंग्रा, औषधि नियंत्रण अधिकारी श्रीगंगानगर ने इस्तगासा दायर किया। इस प्रकरण में कम से कम सात वर्ष व अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा तथा कम से कम 3 लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

इसी प्रकार तत्कालीन औषधि नियंत्रण अधिकारी श्रीगंगानगर द्वारा पूर्व में निःशुल्क दवा योजना के तहत सप्लाई निशुल्क दवाओं में से मेसर्स मेक्स केम फार्मास्यूटिकल्स प्राईवेट लिमिटेड प्लोट नम्बर 22, सेक्टर-3, सिडकूल, आईआईई, रूद्रापुर, डिस्ट्रीक यूस नगर (उतराखंड) द्वारा निर्मित औषधि आयरन एण्ड फोलिक एसिड ससपेंशन का नमूना विश्लेषण हेतु लिया गया था, जो कि राजकीय विश्लेषण प्रक्रिया में अवमानक कोटि का घोषित हुआ, जिसमें औषधि नियंत्रण अधिकारी द्वारा प्रकरण में जांच पूर्ण कर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत माननीय न्यायालय सीजेएम गंगानगर में श्रीमती अमृता सोंग्रा, औषधि नियंत्रण अधिकारी श्रीगंगानगर ने इस्तगासा दायर किया गया। इस प्रकरण में कम से कम सात वर्ष व अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा तथा कम से कम 3 लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।