जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जोधपुर शहर में पहली बार एडवेंचर जोन और डायनासोर पार्क जैसे स्पॉट तैयार होने वाले हैं। पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए जिला प्रशासन ने इसके लिए जोधपुर विकास प्राधिकरण को डायरेक्शन जारी किए हैं। यह सभी विकास मंडोर गार्डन में ही होंगे। जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने इसके लिए निरीक्षण कर संभावनाएं भी तलाशी है।

खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान सरकार का पूरा फोकस मंडोर उद्यान के डेवलपमेंट पर है। इसीलिए इसे पीडब्ल्यूडी से हटाकर जेडीए को सौंप दिया गया है। ₹20 करोड़ से ज्यादा का बजट भी इस उद्यान के लिए फिक्स किया गया। लेकिन अभी भी इस उद्यान को और ज्यादा डवेलप करने के लिए सरकार का फोकस है। इसीलिए इसमें पहली बार ऐसे नवाचार किए जा रहे हैं जो अब तक जोधपुर में नहीं हुए हैं।

यह होगा जोधपुर में पहली बार

- इसी उद्यान परिसर में पहली बार एडवेंचर जोन बनाए जाएंगे। जोधपुर में अभी तक किसी भी तरह के एडवेंचर स्पोर्ट को शुरू नहीं किया गया है। सिर्फ कायलाना और मेहरानगढ़ पर जिपलाइन का संचालन किया जाता है। वह भी कई दिनों तक ठप रहता है।

- बच्चों के लिए ज्यादा से ज्यादा आकर्षण बढ़ाने के लिए डायनासोर पार्क का विकास किया जाएगा। अभी तक केवल जोधपुर में साइंस पार्क थीम पर आधारित है। लेकिन वहां भी पर्यटन के लिहाज से ज्यादा स्कोप नहीं है।

- मंडोर उद्यान में पहले से ही एक ट्रॉय ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। अब प्रशासन इसकी संख्या बढ़ाकर दो करने जा रहा है।

- म्यूजिकल फाउंटेन से सुसज्जित पहली बार साउंड गार्डन भी डवेलप किए जाएंगे। जिससे कि मंडोर गार्डन में नाइट टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सके।

- नागदड़ी नहर के दोनों और पहली बार आधुनिक तौर का कैफिटेरिया विकसित किया जाएगा। फुट ओवर ब्रिज के जरिए नहर के दोनों छोर को मिलाने की भी प्लानिंग है।

यह काम पहले से ही हो रहा

मंडोर गार्डन में लाइट एंड साउंड शो के जरिए इतिहास की जानकारी पहले से ही दी जा रही है जिसके प्रति लोगों का काफी उत्साह है। नहर को भी साफ करके उसमें 12 ही महीना साफ पानी रखकर पर्यटकों को आकर्षित करने की प्लानिंग है। गार्डन में पहले की तुलना में ज्यादा लाइटिंग कर नाइट टूरिज्म के लिए अनुकूल बनाया गया है।

जिला कलेक्टर ने टेंडर के लिए दिए निर्देश

जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने अधिकारियों की टीम के साथ यहां निरीक्षण किया। उन्होंने इन नवाचारों को जल्द धरातल पर आने के लिए जेडीए को टेंडर प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिए हैं। चुनावी आचार संहिता लगने से पहले जिला प्रशासन इन कार्यों को धरातल पर शुरू करने की योजना बना रहा है।