जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जयपुर में प्रॉपर्टी कारोबारी को गोली मारने के मामले में पुलिस ने चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 3 कार और 3 बाइक भी बरामद हुई है। कुछ आरोपी अब भी फरार चल रहे हैं।

भाग गए थे कार लेकर
एडिश्नल कमिश्नर कैलाश बिश्नोई ने बुधवार को बताया- 2 जुलाई को कुछ बदमाशों ने प्रॉपर्टी कारोबारी गणेश चौधरी से 1 करोड़ रुपए की रंगदारी लेने के लिए ऑफिस में बंधक बना लिया था। पैसे नहीं देने पर बदमाशों ने दोनों पैरों में गोली मार दी थी। फिर उसकी कार लेकर भाग गए थे।

पहले मोबाइल तोड़ा, फिर पीटा
पीड़ित ने रिपोर्ट में बताया- दोपहर में वह परिचित बाबूलाल, राजेश शर्मा व कमलेश के साथ बैठा था। इस दौरान हथियारबंद बदमाशों ने बंधक बनाकर एक करोड़ रुपए मांगे। पैसे के लिए मना किया तो सभी के साथ मारपीट की। मोबाइल छीन कर तोड़ दिए। उसके बाद बदमाशों ने मार्केट से दो नए मोबाइल खरीदे। पीड़ित से पैसे के लिए कॉल करवाए। पैसे लेने के लिए एक बदमाश बाइक लेकर परिचित के पेट्रोल पंप पर भी पहुंचा। वहां मालिक नहीं होने के कारण पैसे नहीं मिले। उसके बाद वापस आकर मारपीट की और गोली मार दी।

तीन आरोपी अब भी फरार
घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस टीमों ने घटनास्थल के आस-पास लगे कैमरों के फुटेज और कॉल डिटेल के एनालिसिस करके एक आरोपी भावेश की पहचान कर ली। उसे पकड़कर पूछताछ करने के बाद गिरोह का खुलासा किया। पुलिस ने मामले में भावेश सुमेरिया सांगानेर सदर, अंतिम सेन उर्फ गोलू, कुलदीप सिंह राजावत, भावनी सिंह राजावत उर्फ बिट्टू को गिरफ्तार किया है। सभी रेनवाल मांझी (जयपुर) के रहने वाले हैं। हरियाणा के हिसार निवासी सुरेश ढंढोरिया, परवीन, अरुण शर्मा उर्फ अर्जुन पंडित और आसिफ उर्फ आशीष अभी तक फरार चल रहे हैं।

पुलिस से छिपाई गई जानकारी
प्राथमिक जांच में सामने आया कि भावेश ने पीड़ित से कुछ समय पहले 5 लाख रुपए उधार लिए थे। इसके बदले उसने अपनी फॉरच्यूनर गाड़ी गिरवी रखी थी। भावेश तय समय पर पैसे नहीं चुका पाया। इसलिए दोनों के बीच कहासुनी हो गई। तब 7 जुलाई को पैसा देना तय हुआ। उसके बाद भावेश ने गैंगस्टर सुरेश ढंढोरिया से संपर्क कर जयपुर बुलाया। सुरेश व भावेश पिछले साल सूरत जेल में एक ही बैरक में साथ रहे थे। यहां पर दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई।

जयपुर आने के बाद सुरेश ने भावेश के साथ मिलकर 1 करोड़ की रंगदारी की प्लानिंग की। भावेश के साथी अंतिम, कुलदीप व भवानी सिंह ने पीड़ित गणेश की रेकी की। 2 जुलाई को आधे घंटे तक गली में उसकी एक्टिविटी पर नजर रखी। गणेश के साथ ऑफिस में अन्य लोगों के होने के कारण बदमाश इंतजार करते रहे। बाद में परेशान होकर सुरेश, आसिफ, अरुण ऑफिस के अंदर घुस गए। वहां मौजूद सभी लोगों को बंधक बना लिया। आरोपी परवीन भावेश के फ्लैट पर बैठकर मामले की निगरानी कर रहा था।