भरतपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

धर्मेंद्र सिंह मेरी इस सफलता का आधार वह क्वालिफिकेशन मैच हैं,जिसमें शूटिंग के 60 राउंड लगते हैं। इस मैच में मुझे अपने आप में कई खामियां लगी और लगा कि यह मेरी बड़ी कमजोरियां हैं, जो मुझे सफलता से दूर रखे हुए है। इन कमियों में मैने पाया कि मेरी बॉडी रिलेक्स नहीं थी, इसलिए सही ढंग से परफोरमेंस नहीं कर पा रहा था।

मैने अपने कोच के मार्गदर्शन में गहरी लंबी सांसों पर खुद को केंद्रित करना शुरू किया और इससे बढ़े आत्मविश्वास ने ही आज मुझे सफलता दिलाई। फाइनल राउंड मेंं मैने डीप ब्रीदिंग की ही टेक्निक को अपनी टर्म में एक बेहतरीन ट्रिक की तरह इस्तेमाल किया । डीप ब्रीदिंग ने मुझे मोटीवेट किया, इस क्रिया में शरीर के हर हिस्से को महसूस करते हुए गहरी लंबी सांसे ली जाती है , इन्हीं सांसों ने मुझे अहसास दिलाया कि जीत तेरे सामने है, तुम्हें हर हाल में जीतना है।

पैरालंपिक गोल्डमेडलिस्ट नरवाल का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा
यही वह अहसास और डीप ब्रीदिंग की टेक्निक थी, जिसने मुझे वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की श्रेणी में ला खड़ा किया और भारत के लिए सोना दिलाया। जब यह घोषणा की गई कि मुझे गोल्ड मेडल मिला है तो उस समय मरे लिए दरअसल किसी सरप्राइज से कम नहीं था। सफलता की यह कहानी, उस 16 वर्षीय शूटर खिलाड़ी रूद्रांश की है, जिसने 8 साल पहले हादसे में अपना पैर गंवाने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और विश्व निशानेबाजी पैरा खेल (डब्ल्यूएसपी) विश्व कप में देश के लिए सोना जीता है। क्रोएशिया के ओसिजेक में चल रहे विश्वकप के पी4 मिश्रित 50 मीटर पिस्टल वर्ग में रुद्रांश ने 231.1 अंक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल जीता।

रुद्रांश ने 231.1 का स्कोर बनाया
रुद्रांश खंडेलवाल ने न सिर्फ सोना जीता बल्कि वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है। उन्होंने खेल रत्न विजेता और टोक्यो पैरालंपिक के गोल्ड मेडल जीतने वाले मनीष नरवाल के रिकॉर्ड को भी ध्वस्त किया है। 2021 पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में मनीष नरवाल ने 229.1 स्कोर कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। वहीं अब 231.1 अंकों के साथ ये रिकॉर्ड भरतपुर के रुद्रांश खंडेलवाल के नाम हो गया है।