चित्तौड़गढ़ - गोपाल चतुर्वेदी 

पूरे प्रदेश के साथ चित्तौड़गढ़ जिले में भी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के कामकाज में राजनीतिक दखलअंदाजी जगजाहिर है। इसी के चलते अधिकारी और कर्मचारी सरकारी योजनाओं को क्रियान्वयन करने के लिए स्वयं निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। साथ ही इन कार्यों में भ्रष्टाचार में काफी बढा है।  जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति के धनेत कला ग्राम पंचायत मे देखने को मिल रहा है। इस ग्राम पंचायत में भारतीय जनता पार्टी के चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति प्रधान देवेंद्र कंवर के पति रणजीत सिंह सरपंच है जिनका रुतबा पूरे गांव के साथ ग्राम पंचायत में भी माना जाता है। इस रुतबे के चलते इस पूरी ग्राम पंचायत में लगे विकास अधिकारी, पटवारी सहित कई अन्य सरकारी अधिकारी कर्मचारी सरकारी योजनाओं की जानकारी देने में अपनी असमर्थता जाहिर करते हैं।  सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर खर्च की गई राशि के बारे में जब ग्राम पंचायत के सचिव हनुमंत सिंह से चैनल के संवाददाता ने बात की तो उन्होंने साफ तौर पर यह कह कर जानकारी देने से इंकार कर दिया की इस ग्राम पंचायत में प्रधान पति रणजीत सिंह सरपंच है और उनसे आगे वह नहीं चल सकते। उनके कहे बिना यहां पत्ता भी नहीं हिलता है। आप तो पत्रकारिता करके चले जाओगे लेकिन मुझे यहीं पर नौकरी करनी है। इसलिए गांव के विकास योजनाओं की जानकारी और खर्च की गई राशि के बारे में जानकारी आपको सरपंच रणजीत सिंह ही दे पाएंगे। 

अब प्रश्न यह उठता है ज़ब  ग्राम पंचायत का सर्वे सर्वा सचिव और पटवारी होते हैं लेकिन सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और खर्च की गई राशि की जानकारी उन अधिकारियों द्वारा उपलब्ध नहीं करवाना कहीं न कहीं यह दर्शाता है कि कर्मचारी और अधिकारी अपने कार्य को खुले तरीके से नहीं कर पा रहे हैं। जिसका नतीजा यह हो रहा है कि लगातार पिछले कई वर्षों से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत कार्य समय पर नहीं हो पा रहे हैं। हर कार्य में राजनीतिक हस्तक्षेप अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्य करने की क्षमता को में कमी ला रहा है। जिसका नतीजा सिर्फ आमजन को भुगतना पड़ रहा है,  ना कि राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को l