अलवर ब्यूरो रिपोर्ट। 

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के महिलाओं पर दिए गए विवादित बयान को शिव कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने गलत बताया है। अलवर के विजय नगर ग्राउंड पर प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण कथा वाचन कर रहे हैं। कथा का आज 5वां दिन है।

रविवार को सुबह 10 बजे मीडिया से बात करते हुए शिव कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने धीरेंद्र शास्त्री को लेकर कहा- यह श्रेष्ठता नहीं है। आपका चेहरा आपकी पहचान नहीं है। आप कुछ भी बोलना चाहते हैं तो उसका अनुवादन (ट्रांसलेशन) करें।

उसे अपने ऊपर लेकर देखना चाहिए कि यह कहना सही है या नहीं। किसी नारी, स्त्री व सौभाग्वती महिला के लिए ये शब्द अच्छे हैं क्या। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान को गलत बताया।

आइये, जानते हैं महिलाओं को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने क्या टिप्पणी की थी

हाल ही में नोएडा में हुई कथा में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था- जिस स्त्री की शादी हुई हो उसकी दो पहचान होती हैं। मांग का सिंदूर और गले का मंगलसूत्र। मांग में सिंदूर न हो और गले में मंगलसूत्र न हो तो हम लोग समझते हैं कि प्लॉट अभी खाली है।

मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र हो तो हम लोग दूर से ही समझ जाते हैं कि प्लॉट की रजिस्ट्री हो चुकी है।

सोशल मीडिया पर शास्त्री का यह बयान खूब शेयर किया जा रहा है। इसकी वजह से वे फेसबुक, ट्वीटर समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ट्रोल भी हो रहे हैं। फेसबुक पर धीरेंद्र शास्त्री के फॉलोअर्स की संख्या 5 मिलियन से ज्यादा है। ट्विटर पर उनके 1.63 लाख फॉलोअर्स हैं।

प्रदीप मिश्रा बोले- कथा में महिलाओं का आना ज्यादा जरूरी

प्रदीप मिश्रा ने कहा- कथा में महिलाओं का आना ज्यादा जरूरी है। महिलाएं जन्मदात्री हैं। पुरुष आएगा तो खुद को सुधारेगा, या बेटे को सुधारेगा। महिलाएं आएंगी तो पति, बेटी-बेटा, सास, ससुर सबको संस्कारित करेंगी।

एक जड़ से पैदा हुआ वृक्ष पत्ती टहनी के रूप में सभी को संस्कारित करता है। इसलिए महिलाओं का कथा में आना अधिक जरूरी है।

शिवजी पर बिल्व पत्र चढ़ाना अंधविश्वास नहीं ?

क्या शिवजी पर बिल्पपत्र चढ़ाना अंधविश्वास है। इस सवाल पर प्रदीप मिश्रा ने कहा- जमीन पर फूंक मारकर कोई भी चीज निकालने की बात कहना अंधविश्वास है। किसी के अमर होने का दावा अंधविश्वास है। वटवृक्ष के नीचे शिव हों तो उन्हें वृटवेश्वर महादेव कहा जाता है, पीपल के नीचे हों तो पीपलेश्वर महादेव कहा जाता है। पीपल के पेड़ के नीचे बैठने से फल प्राप्ति होती है। यह सही है। यह अंधविश्वास नहीं है।

सनातन को लेकर भाषा बीजेपी जैसी ?

कुछ लोग सनातन को पीछे धकेल रहे हैं। प्रदीप मिश्रा के इस बयान को लेकर जब सवाल किया कि आपकी भाषा बीजेपी जैसी है तो उन्होंने कहा- सबकी अपनी-अपनी सोच है। हमारी सोच यह है कि सनातन धर्म के लिए जितने भी लोग प्रयास कर रहे हैं उनको प्रेरित किया जाए। ताकि लोग सनातन जुड़े रहें। उनके जरिए दूसरे लोग भी सनातन को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे।

शिवजी पर एक लोटा जल क्या सभी समस्याओं का हल ?

प्रदीप मिश्रा ने कथा में कहा था एक लोटा जल सभी समस्याओं का हल। उनसे जब पूछा कि क्या आपको मेडिकल साइंस पर भरोसा नहीं है, तो वे बोले- मैंने कथा में जो कुछ कहा उसे पूरा सुनें। हमेशा कहता हूं कि पहले डॉक्टर को दिखाओ, सभी जांचें कराओ। उसके बाद शिवजी पर भी विश्वास करो। हमारे बुजुर्ग नजर भी तो उतारते आए हैं।

शिव पूजा से अपराध रुक सकता है ?

इस सवाल पर मिश्रा बोले- सरकार पूरी तरह अपराध नहीं रोक सकती। अपराधों को हमारे संस्कार रोक सकते हैं। हमारे घर के सदस्यों को हमें आस्था की सीख देनी होगी। तभी हम अपराध रोक सकते हैं।

बड़े ओहदों पर बैठे लोग अगर सही संस्कारों से जुड़ें हैं तो वे गलत काम नहीं करेंगे। संविधान के अनुसार तो चलना ही पड़ेगा। लेकिन संस्कारवान होना भी जरूरी है।