जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजस्थान कांग्रेस में चुनावी साल में प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा के साथ ही संगठन की सियासी दिशा तय कर दी गई है। कांग्रेस के कल घोषित 25 जिलाध्यक्षों में एक भी महिला नहीं है। प्रदेश कार्यकारिणी में केवल 15 फीसदी पदों पर महिलाओं को ही जगह मिली है। मंत्रियों को एक व्यक्ति एक पद के फार्मूले पर संगठन के पदों से हटा दिया है। अब मौजूदा कार्यकारिणी में एक भी मंत्री नहीं है। कई पायलट समर्थक संगठन से बाहर हो गए हैं। कार्यकारिणी में 80 फीसदी के आसपास पदाधिकारी सीएम अशोक गहलोत के समर्थक हैं। चुनावी साल में इसे गहलोत खेमे के संगठन पर दबदबे के तौर पर देखा जा रहा है। सचिन पायलट के समर्थकों को जगह दी गई है, लेकिन उसका अनुपात कम है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी अपने समर्थकों को संगठन के पद दिलाने में कामयाब हुए हैं।

पायलट समर्थक नेता आउट

पुरानी कार्यकारिणी में सचिन पायलट समर्थक प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, महासचिव रहे वेदप्रकाश सोलंकी, सचिव रहे महेंद्र सिंह खेड़ी, गजेंद्र सांखला, रवि पटेल को बाहर कर दिया है। इन पायलट समर्थकों को नई कार्यकारिणी में शामिल नहीं किया है।

बयानबाजी करने वाले पायलट समर्थक वेद सोलंकी को महासचिव पद से हटाया

चाकसू से ​पायलट समर्थक विधायक वेदप्रकाश सोलंकी लगातार पायलट के समर्थन में बयानबाजी करते रहे थे, सोलंकी ने कई बार सरकार पर भी सवाल उठाए थे। सोलंकी को इस बार प्रदेश महासचिव पद से हटा दिया है। पिछली कार्यकारिणी में उन्हें प्रदेश महासचिव बनाया था। पायलट समर्थक महेंद्र सिंह खेड़ी, ललित यादव और निंबाराम गरासिया को सचिव पद से हटा दिया है।

इन पायलट समर्थक नेताओं को मिली कार्यकारिणी में जगह

192 की प्रदेश कार्यकारिणी में पायलट समर्थकों को जगह मिली है लेकिन उनकी संख्या केवल 24 के आसपास है। पायलट समर्थक दो नेताओं गजराज खटाना और दर्शन गुर्जर को उपाध्यक्ष बनाया है। 48 में से 10 महासचिव पायलट समर्थक हैं। पायलट समर्थक राकेश पारीक, महेंद्र सिंह गुर्जर, प्रशांत शर्मा, इंद्राज गुर्जर, राजेंद्र शर्मा, मुकेश भाकर, राजेश चौधरी, सुरेश मिश्रा,संजय जाटव और सोना देवी बावरी को महासचिव बनाया है। 121 सचिवों में पायलट समर्थकों की संख्या भी 10 के आसपास ही है। सचिवों में सत्येंद्र मीणा,कविता गुर्जर, विभा माथुर,अनिल चोपड़ा, हिमांशु कटारा, विक्रम वाल्मीकि, सर्लेश सिंह राणा, सुरेंद्र लांबा और आजाद सिंह राठौड़ पायलट समर्थक हैं।

धारीवाल के बेटे अमित धारीवाल महासचिव, टिकट के भी दावेदार

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बेटे अमित धारीवाल को कांग्रेस का प्रदेश महासचिव बनाया गया है। अमित धारीवाल शांति धारीवाल के सियासी वारिस के तौर पर देखे जा रहे हैं ,वे पिता की सीट से टिकट के भी दावेदार हैं। शांति धारीवाल अगर इस बार चुनाव नहीं लड़ते हैं तो वे अमित धारीवाल को टिकट दिलाने की पैरवी करेंगे।

प्रदेश कार्यकारिणी और जिलाध्यक्षों में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के समर्थकों को भी जगह मिली है। संगठन महासचिव बनाए गए ललित तूनवाल, कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, महासचिव हाकम अली से बड़ी संख्या में ज्यादा सचिव डोटासरा समर्थक हैं।

33 फीसदी टिकट की पैरवी के बीच संगठन में 15 फीसदी पद महिलाओं को

कांग्रेस लगातार महिलाओं को 33 फीसदी टिकट देने की पैरवी करती रही है, लेकिन संगठन में भी उन्हें केवल 15 फीसदी पद दिए गए हैं। प्रदेश कार्यकारिणी के 192 पदों में से केवल 29 महिलाओं को जगह दी गई है। जो 15 फीसदी भी पूरी नहीं है। 21 उपाध्यक्ष में से 2 महिला उपाध्यक्ष, 48 महासचिवों में से 9, 121 सचिवों में से 18 सचिव के पद महिलाओं को दिए हैं। कांग्रेस ने कल 25 जिलाध्यक्षों के पदों पर नियुक्ति की। उनमें से एक भी महिला नहीं है। कांग्रेस में इससे पहले 13 जिलाध्यक्ष बनाए थे।। उनमें केवल एक महिला जिलाध्यक्ष बनाई थी।

मंत्रियों को संगठन के पदों से हटाया

एक व्यक्ति एक पद के कारण मंत्रियों को संगठन के पदों से हटा दिया है। पुरानी कार्यकारिणी में प्रदेश उपाध्यक्ष मंत्री गोविंद मेघवाल, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रामलाल जाट को संगठन के पदों से हटा दिया है। नई कार्यकारिणी में किसी मंत्री को जगह नहीं दी गई है। उदयपुर चिंतन शिवर में एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला तय होने के बाद से ही मंत्रियों ने संगठन पद छोड़ दिए थे।

21 उपाध्यक्ष में से 2 महिला : नसीम अख्तर इंसाफ, मंजू मेघवाल

48 महासचिवों में से 9 महिला : रीटा चौधरी, प्रतिष्ठा यादव, राखी गौतम, सुमन यादव, सफिया जुबैर, इंदिरा मीणा, मिनाक्षी चंद्रावत,अंजना मेघवाल, शिमला देवी नायक।

121 में से 18 सचिव महिलाएं : शिखा मील बराला, कविता गुर्जर,रंजना शर्मा,सरलेश सिंह राणा, तारा बेनीवाल,रूबी खान,कल्पना भटनागर, अनिता मीणा, लीलावती वर्मा,रामदेवी बावेड़ी, अर्चना सुराणा,विभा माथुर,गरिमा राजपुरोहित,डिम्पल राठौड़, माया सुवालका,प्रवीणा मेघवाल, शबनम गोदारा,पूजा वर्मा।

कांग्रेस संगठन की इसी टीम पर रहेगा विधानसभा लोकसभा चुनाव का जिम्मा

कांग्रेस संगठन इस नई टीम के पास विधानसभा और लोकसभा चुनाव का जिम्मा रहेगा। इसे चुनावी टीम माना जा रहा है। आने वाले दिनों में इन पदाधिकारियों को चुनावी जिम्मेदारियां दी जाएंगी। प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष नई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाने वाले हैं। कार्यकारिणी की बैठक में इन नेताओं को चुनावी जिम्मेदारियां दी जाएंगी।

लगातार पांच साल पोस्ट पर रहने वालों को हटाया

उदयपुर डिक्लेरेशन में पांच साल लगातार पद पर नहीं रहने का प्रावधान किया था। उपाध्यक्ष पद से राजेंद्र चौधरी और हरिमोहन शर्मा को उदयपुर डिक्लेरेशन के चलते एक पद पर लगातार 5 साल तक बने रहने के चलते हटाया गया है। महासचिव पद से पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया और बसपा से कांग्रेस में आए विधायक लाखन सिंह मीणा को भी जगह नहीं दी गई है।

3 साल बाद कांग्रेस में हुए पूरे पदाधिकारी

कांग्रेस में 3 साल बाद अब पदाधिकारियों का कोटा पूरा हुआ है। सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय जुलाई 2020 में कांग्रेस की प्रदेश से लेकर जिला और ब्लाक तक की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया था । उसके बाद दिसंबर 2021 में 13 जिला अध्यक्ष प्रदेश कार्यकारिणी के 39 पदाधिकारी बनाए गए थे। अब चुनावी साल में प्रदेश कार्यकारिणी की टीम पूरी हुई है। जून में 85 सचिव भी बनाए गए थे लेकिन उनकी सूची को रोक दिया गया था, अब रोकी हुई सूची को भी जारी कर दिया है।

डोटासरा बोले- पूरी पार्टी एकजुट, कोई किसी गुट का नहीं सब कांग्रेस गुट के, आधे से ज्यादा पद युवाओं को

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि नए पदाधिकारियों की नियुक्ति में उदयपुर डिक्लेरेशन का पूरा ध्यान रखा गया है । 50 साल से कम उम्र के आधे से ज्यादा पदाधिकारी बनाए गए हैं। पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है। सब एकजुट हैं। कोई किसी नेता के गुट का नहीं है , सभी कांग्रेस के हैं। सभी मिलजुल कर चुनाव लड़ेंगे और सरकार रिपीट करेंगे। सरकार ने इस बार इतने ज्यादा काम किए हैं कि उन्हें जनता तक पहुंचाना बड़ी चुनौती है।