जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

भारी संख्या में दुष्कर्म के मामले चिंता जगा रहे हैं, वहीं विपक्ष ने भी इसे मुद्दा बनाया है। एनसीआरबी के आंकड़े खंगाले तो 2021 में राजस्थान में दुष्कर्म के 6,367 मामले सामने आए। वहीं कांग्रेस एमपी में सबसे अधिक दुष्कर्म होने के आरोप लगाती है। एमपी में दुष्कर्म के 6,459 मामले हुए हैं। हालांकि राजस्थान पुलिस का दावा है कि यहां केस अधिक दर्ज किए जा रहे हैं।

सजा दिलाने का प्रतिशत सबसे ज्यादा राजस्थान में

  • महिलाओं पर अत्याचार के गंभीर मामलों में प्रदेश में एक भी गिरफ्तारी बाकी नहीं है। पुलिस का दावा है कि त्वरित कार्रवाई के कारण राजस्थान में आरोपियों को सजा दिलाने का प्रतिशत देश में सबसे ज्यादा है। पिछले चार साल में 13 मामलों में मृत्युदंड की सजा हुई जबकि 643 मामलों में आजीवन कारावास व 937 में अन्य सजा करवाई गई है।
  • प्रदेश में वर्ष 2018 में महिला अत्याचार से संबंधित प्रकरणों की जांच में 211 का दिन का समय लग रहा था। अब महिला अत्याचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई के लिए 41 पुलिस जिलों में महिला अनुसंधान सेल, गंभीर अपराधों की मॉनिटरिंग सेल व केस ऑफिसर स्कीम लागू करने से यह अवधि घटकर 56 दिन रह गई है।
  • पहले कोर्ट इस्तगासे से 30% मामले दर्ज होते थे, फ्री रजिस्ट्रेशन के चलते यह प्रतिशत घटकर अब 13 रह गया है।
  • महिला उत्पीड़न मामलों के निस्तारण में राजस्थान पहले पायदान पर है। महिला अत्याचार के मामलों में यहां 9.6% पेंडेंसी हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 31.7% है।