बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

बीकानेर के खाजूवाला में दलित महिला के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में बर्खास्त और एक सस्पेंड पुलिसकर्मी के समर्थन में अब नारेबाजी और प्रदर्शन हो रहा है। इन लोगों का आरोप है कि भाजपा ने इस मामले में दोनों कांस्टेबल और पूर्व थानाधिकारी को जबरन फंसा दिया। इन लोगों ने तीनों पुलिसकर्मियों को फिर से बहाल करने की मांग की है।

खाजूवाला में सोमवार को स्थानीय लोगों ने मिलकर पुलिस के समर्थन में प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। धरने में बड़ी संख्या में युवा शामिल थे। इन लोगों ने एक बैनर भी हाथ में ले रखा था, जिसमें खाजूवाला पुलिस को इस पूरे मामले में दोषी नहीं बताया गया। तीनों पुलिसकर्मियों को बहाल नहीं करने पर खाजूवाला में उग्र प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। स्थानीय लोगों ने उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है।

ये है मामला

दरअसल, पिछले दिनों एक दलित महिला को गंभीर हालत में खाजूवाला सीएचसी से दो-तीन जने एक कार में भाग गए। इस मामले में दिनेश बिश्नोई को मुख्य आरोपी बनाया गया। आरोप लगाया गया कि दिनेश ने पुलिस वालों के साथ मिलकर उसका गैंगरेप किया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में तब दो कांस्टेबल सहित पूर्व थानाधिकारी पर कार्रवाई हुई। इसमें एक कांस्टेबल मनोज को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, जबकि एक अन्य कांस्टेबल भागीरथ को सस्पेंड किया गया। तत्कालीन थानाधिकारी अरविन्द सिंह को भी सस्पेंड कर दिया गया। दिनेश की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय लोगों का आरोप है कि तीनों पुलिसकर्मी का दोष नहीं है। ऐसे में उन्हें सेवा से बर्खास्त करने के बजाय बहाल किया जाना चाहिए।

कार्रवाई की मांग

स्थानीय लोगों की मांग है कि इस मामले में उन लोगों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए, जिन्होंने भारी विरोध किया और उनके दबाव में आकर ही पुलिस को बर्खास्त और सस्पेंड जैसे निर्णय करने पड़े हैं।