अजमेर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान लोक सेवा आयोग के विरुद्ध तथ्यहीन याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थी के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर द्वारा 10 हजार रुपए की शास्ति लगाई गई है।
आयोग के विशेषाधिकारी चेतन त्रिपाठी ने बताया कि एसबी सिविल रिट पिटिशन संख्या 7774/2020 विक्रम सैनी बनाम राजस्थान लोक सेवा आयोग के द्वारा उप निरीक्षक प्रतियोगी परीक्षा-2016 को लेकर अभ्यर्थी द्वारा याचिका दायर की गई थी। इसमें अभ्यर्थी द्वारा आयोग पर उक्त परीक्षा में उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के संबंध में तथ्यहीन आरोप लगाए गए थे। इस पर माननीय न्यायालय द्वारा याचिका को खारिज करते हुए अभ्यर्थी पर 10 हजार रुपए की शास्ति आरोपित की गई। याचिकाकर्ता को इस राशि को आयोग के पक्ष में डीडी के माध्यम से जमा करवाना होगा। उक्त राशि जमा नहीं करवाने पर अभ्यर्थी को दो वर्ष तक आयोग द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं से विवर्जित करने के आदेश भी माननीय न्यायालय द्वारा प्रदान किए गए हैं।
त्रिपाठी ने कहा कि तथ्यहीन प्रकरणों के कारण भर्तियां पूर्ण करने में अनावश्यक विलंब होता है एवं पात्र अभ्यर्थी भी प्रभावित होते हैं। वादकरण में कमी लाने के उद्देश्य तथा अभ्यर्थियों की समस्याओं के निराकरण के लिए आयोग स्तर पर प्री-लिटिगेशन कमेटी भी गठित की हुई है। इसके अतिरिक्त अभ्यर्थी परिवेदना पोर्टल के माध्यम से भी अभ्यर्थी अपनी परिवेदनाएं आयोग को ऑनलाइन दर्ज करवा सकता है।
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