जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

चुनावी साल में गहलोत सरकार की एक करोड़ से ज्यादा लोगों को हर महीने फ्री राशन किट पहुंचाने की योजना में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में हंगामा किया। हंगामे के बाद बीजेपी विधायक सदन से वॉकआउट कर गए। शून्यकाल में उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, बीजेपी विधायक अनिता भदेल, सुभाष पूनिया, प्रताप सिंह सिंघवी ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए फ्री राशन किट योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सरकार को घेरा। पूनिया ने यहां तक कह दिया कि यह सरकार अली बाबा और चालीस चोर की सरकार है।

सतीश पूनिया ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए मामला उठाते हुए कहा- मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन जनता स्वीकार करती है कि हमें रिश्वत देनी पड़ती है। सरकार की अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना भ्रष्टाचार करने की एक सुनियोजित साजिश साबित हो रही है। यही योजना सरकार बनते ही 2018 में आती तो खुशी होती कि किसी गरीब के घर में अन्न का दाना जाएगा। जो सरकार कोरोना काल में दवाई खा जाए, कफन खा जाए। उस सरकार से किस न्याय की उम्मीद कर सकते हैं?

सरकार में हर जगह माफिया हावी
पूनिया ने कहा- अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना में आरटीपीपी एक्ट की धज्जियां उड़ाई गई हैं। एक कंपनी विशेष को फायदा देने के लिए सरकार ने गरीबों की कमाई के पैसे पर डाका डालने की कोशिश की है। अन्नपूर्णा फूड पैकेट वोटर्स को लुभाने की योजना तो है ही, यह अपने चहेतों को लाभ देने का यानी भ्रष्टाचार का ज्वलंत उदाहरण साफ तौर पर दिखाई पड़ती है। यह मैं नहीं कह रहा, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल कहती है। करप्शन सर्वे कहता है कि राजस्थान के 78% लोगों को रिश्वत देनी पड़ती है। इस सरकार में हर तरह के माफिया हैं। इस सरकार में हर तरफ माफिया हावी हैं- भू-माफिया, शराब माफिया, तबादला माफिया, खनन माफिया, शिक्षा माफिया, जेल माफिया, राजनीति माफिया, ये माफिया, वो माफिया। ऐसी सरकार का सत्यानाश हो जाए तो भी कम है।

सरकार के हाथ भ्रष्टाचार से रंगे
पूनिया ने कहा- अन्नपूर्णा योजना में भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड टूट गए हैं। राजस्थान की जनता है, पब्लिक सब जानती है, यह फैसला जरूर करेगी। राजस्थान की जनता की अदालत में इस सरकार के हाथ भ्रष्टाचार से रंगे हुए हैं। इसलिए यह सरकार अली बाबा और 40 चोर की सरकार है।

अनिता भदेल बोलीं- सरकार को केवल कमीशन की चिंता

बीजेपी विधायक अनिता भदेल ने स्थगन के जरिए मामला उठाते हुए कहा- अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना को लेकर पहले मुख्यमंत्री और खाद्य मंत्री के बीच विवाद हुआ। खाद्य विभाग से इसे सहकारिता विभाग को दे दिया। जब बजट पास हो गया तो विधानसभा की मंजूरी के बिना इसे बदला नहीं जा सकता। इसके बावजूद सरकार ने करप्शन करने के लिए पहले इसे सहकारिता को दिया, फिर कलेक्टरों के जरिए टेंडर करने का प्रावधान कर दिया। फिर मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि फूड पैकेट के बदले 300 रुपए खाते में डाल देंगे। आप इस तरह की योजनाओं में करप्शन क्यों करना चाहते हैं? क्यों जनता की गाढ़ी कमाई को लुटाना चाहते हैं?

भदेल ने कहा- फूड पैकेट योजना में करप्शन और मनमानी शर्तों के खिलाफ हाईकोर्ट तक में मामला गया है। सरकार ने कलेक्टरों के जरिए टेंडर करवाने में भी शर्त रख दी कि केवल 50 करोड़ से ज्यादा की सप्लाई के अनुभव वाली फर्म को ही काम दिया जाएगा। 50 करोड़ की सप्लाई की बाध्यता वाली शर्त रखकर सरकार किस निजी व्यक्ति या कंपनी को लाभ देना चाहती है? मुख्यमंत्री ने फ्री फूड पैकेट बांटने की घोषणा की थी। आम आदमी फूड पैकेट का इंतजार कर रहा है। सरकार को केवल कमीशन की चिंता है। अभी तक लोगों तक फूड पैकेट नहीं पहुंचाए हैं।

मंत्री राजेंद्र गुढ़ा बोले- मणिपुर की बजाय अपनी गिरेबां में झांकिए

विधानसभा में न्यूनतम आय गारंटी बिल पर बहस के दौरान ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अपनी ही सरकार पर महिला सुरक्षा में फेल होने का आरोप लगाया। मणिपुर में महिलाओं को उपद्रवी भीड़ के निर्वस्त्र घुमाने की घटना के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने तख्तियां लहराईं। इस पर गुढ़ा ने कहा- राजस्थान में इस बात में सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में विफल हो गए हैं। राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, ऐसे में हमें मणिपुर की बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष राठौड़ बोले- मंत्री ने सरकार की कलई खोल दी

मंत्री गुढ़ा के अपनी ही सरकार पर महिला सुरक्षा में विफल होने का आरोप लगाने के बाद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा- सरकार संविधान के आर्टिकल 164(2) के तहत सामूहिक जिम्मेदारी से चलती है। हमारे संविधान में लिखा है कि सरकार का एक मंत्री बोलता है तो इसका मतलब पूरी सरकार बोल रही है। मंत्री ने सरकार की कलई खोल दी है। मैं उनको बधाई दूंगा, लेकिन यह शर्मनाक बात है।

मंत्री रामलाल बोले- राजस्थान में अनिवार्य एफआईआर के प्रावधान से आंकड़े ज्यादा

इस बीच राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि अपराध के आंकड़े एफआईआर के हैं, चालान के नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने अनिवार्य एफआईआर का प्रावधान किया है इसलिए आंकड़े बढ़ सकते हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध पर पुलिस के चालान के आंकड़े देखिए, पड़ोसी राज्यों से चालान की तुलना कर लीजिए। एफआईआर के नियम सरल करने की वजह से आंकड़े बढ़े हैं। आप नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े देखिए। मणिपुर में महिलाओं के साथ खराब बर्ताव का वीडियो आया है, उस पर शर्म आनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट तक ने सरकार को फटकार लगाई है।

धारीवाल और राठौड़ के बीच नोक-झोंक, सदन में हंगामा

मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के बयान पर सदन में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बीच नोक-झोंक हुई। बाद में कुछ देर सदन में हंगामा हुआ।
राजेंद्र राठौड़ ने कहा- हमारी मांग है कि राजस्थान में महिलाओं से दुष्कर्म को लेकर सरकार बहस करवा ले। हम अपने तर्क देंगे, आप अपने तर्क दे देना। मंत्री शांति धारीवाल ने कहा- कई बार बहस हो चुकी और आंकड़े पेश किए जा चुके हैं। बीजेपी के राज में जितना महिला अत्याचार हुआ है उतना कभी नहीं हुआ। राठौड़ ने धारीवाल पर पलटवार करते हुए कहा- आपने तो कहा था राजस्थान मर्दों का प्रदेश है इसलिए बलात्कार हो रहे हैं, शर्म आती है हमें।