जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
वेटिकन स्थित पोप फ्रांसिस ने अजमेर धर्मप्रांत के फादर जोसफ कल्लारेकल को जयपुर धर्मप्रांत के नए बिशप के रूप में नियुक्त किया था , आज जयपुर में सेंट एंसलम स्कूल में धर्मप्रांत के नए बिशप जोसेफ ने गरिमापूर्ण समारोह में कार्यभार सँभाल लिया । इस मौक़े पर एमएलए रफीक़ ख़ान ,अर्चना शर्मा ,फ़ादर एडवर्ड ऑलिवेरा बिशप ओसवाल्ड लुइस समेत पूरे राजस्थान के क्रिश्चन सोसाइटी के लोग मौजूद रहे
बिशप जोसेफ के नाम की घोषणा वेटिकन में 22 अप्रैल 2023 को की गई और इसी समय भारत में भी यह खुशी की घोषणा जयपुर के मुख्य गिरजाघर में बिशप-ओसवल्ड लुइस द्वारा की गई।
नए बिशप कल्लारेकल ने अपनी पदनियुक्ति से पहले अपने सिद्धांत को व्यक्त किया, जहां उन्होंने कहा, "ईश्वर को धन्यवाद देते हुए जीवन में सब कुछ ईश्वर की महिमा के लिए ही करना है।" फादर बिराप वर्तमान में अजमेर में सेवारत हैं और उनकी उम्र 57 वर्ष है।
जन्मभूमि केरल के इडुकी जिले के अनाविलासम गांव में हुआ था। उनका जन्म 10 दिसंबर 1964 को हुआ था। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा केरल में पूरी की और फिर अजमेर के संत टेरेजा गुरूकुल में गुरु बनने के लिए दाखिला लिया। उसके बाद संत जोसफ इलाहाबाद के स्थानीय गुरुकुल में दर्शनशास्त्र और ईश्वरशास्त्र का अध्ययन किया। 2 जनवरी 1997 को उन्हें कैथोलिक गुरू के रूप में पुरोहिताभिषेक किया गया। उन्होंने अपने जीवनकाल में अलग-अलग जगहों पर सेवा की और कर्मठता का परिचय दिया।
वह संत टेरेजा गुरूकुल में कुलाधिपति रह चुके है और अनेक शिक्षा संस्थानों में कार्य किया है, वहीं उन्होंने अजमेर धर्मप्रांत में प्रमुख सलाहकार के रूप में भी कार्य किया है। उनकी योग्यता और उनके कार्यों ने उन्हें इस विशेष पद के लायक बना दिया है, जहां वे बिशप-ओसवल्ड लुइस के पद चिह्नों पर चलकर धर्मप्रांत के समृद्ध विकास में अपना सहयोग देंगे।
जयपुर धर्मप्रांत का गठन पोप बेनेडिक्ट द्वारा 20 जुलाई 2005 को किया गया था और इसका मुख्यालय जयपुर में स्थित है। इसमें राजस्थान के 12 जिले शामिल हैं।
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