जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान स्पीकर सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच जमकर नोक-झोंक हो गई। बीजेपी विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की। इसके बाद प्रश्नकाल का बहिष्कार करके चले गए। बीजेपी विधायकों के बिना ही प्रश्नकाल चला। 12 बजे शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होने के बाद बीजेपी विधायक वापस आए।

विवाद की शुरुआत खाद्य विभाग से जुड़े सवाल से हुई। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने खाद्य मंत्री से सवाल किया। इसे स्पीकर ने अप्रासंगिक (इरेलेवेंट) बताकर खारिज कर दिया। इस पर राजेंद्र राठौड़ ने स्पीकर से सवाल किया कि सवाल इरेलेवेंट कैसे हो गया? राठौड़ के सवाल उठाने पर स्पीकर नाराज हो गए। उन्होंने कहा- आप स्पीकर के फैसले पर सवाल नहीं पूछ सकते। स्पीकर की मंशा पर सवाल नहीं उठा सकते। आपका विशेषाधिकार (प्रिविलेज) है तो स्पीकर का भी है। इस पर दोनों के बीच नोक-झोंक शुरू हो गई।


राठौड़ ने कहा- हम घास खोदने नहीं आए, सवाल ही नहीं पूछेंगे क्या?

राजेंद्र राठौड़ ने कहा- आपका प्रिविलेज है तो हम घास खोदने नहीं आए हैं। सवाल नहीं पूछेंगे क्या, आप दादागिरी करेंगे? यह क्या बात हो गई। इसके बाद नाराज बीजेपी विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी।

स्पीकर बोले- आरोप नहीं सुनूंगा, मुझे डिक्टेट नहीं कर सकते
स्पीकर ने कहा- आसन पर आरोप नहीं लगाया जा सकता। मैं आसन पर आरोप नहीं सुनूंगा। मैं बाहर निकाल दूंगा। आपको जाना है तो जाइए। आपके हिसाब से नहीं चलूंगा। मुझे डिक्टेट नहीं कर सकते। आपको अगर असेंबली नहीं चलानी तो मत चलाइए। इसके बाद नाराज बीजेपी विधायकों ने काफी देर तक वेल में नारेबाजी की। फिर प्रश्नकाल का बहिष्कार करके चले गए।

विधायक हरीश मीणा ने जल संसाधन मंत्री को घेरा

प्रश्नकाल के दौरान जल संसाधन मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीय घिरते दिखे। कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने बीसलपुर बांध के कारण विस्थापित गांवों के लोगों की कॉलोनियों में 40 साल बाद भी विकास के काम नहीं होने पर सवाल उठाए। मीणा के सवाल उठाने के बाद स्पीकर सीपी जोशी ने भी मंत्री को नसीहत दी।

बीसलपुर विस्थापितों के गांवों में विकास से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा- जल्द इसका समाधान होगा। विधायक हरीश मीणा ने कहा- 40 साल से गांव में सड़कें नहीं हैं। दो साल में मैंने चीफ सेक्रेटरी से लेकर सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी सचिव से बात की। सिंचाई विभाग के सचिव कहते हैं कि हमने तो बना दी, मेंटेनेंस पीडब्ल्यूडी करेगा। पीडब्ल्यूडी कहता है हमें बजट तो दिलवा दो। केवल कागजों में काम ट्रांसफर करना है, दो साल में नहीं कर पाए और यह तय नहीं कर पाए कि यह काम पीडब्ल्यूडी करेगा या पंचायती राज करेगा। तीनों सचिव यहीं बैठते हैं। तीनों में इतना भी कॉर्डिनेशन नहीं है। मंत्री मालवीय ने कहा कि काम जल्द ट्रांसफर करेंगे।

विधायक मीणा ने कहा कि पेपर में ही तो करना है। 4 महीने में भी नहीं कर पाए, कम से कम समय सीमा तो बता दीजिए। जल्द से जल्द क्या होता है। स्पीकर ने कहा कि सिंचाई विभाग की परियोजना बनती है तो विस्थापन होता है। विस्थापित कॉलोनी डेवलप करने के बाद उनकी सड़क का काम करने की जिम्मेदारी किसकी है। मंत्री ने कहा कि 250 से ज्यादा आबादी की सड़कें पीडब्ल्यूडी को ट्रांसफर हो जाती हैं। स्पीकर ने कहा कि कोई भी सिंचाई की योजना बनेगी तो विस्थापन होगा। विस्थापन के बाद जो कॉलोनी बनती है यह रेवेन्यू विलेज डिक्लेयर करके करते हैं या वैसे ही छोड़ देते हैं।

जोधपुर गैंगरेप मामले में सीएम सलाहकार के कमेंट्स पर बीजेपी का हंगामा

विधानसभा में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज बिल पर बहस के दौरान सीएम सलाहकार और सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के कमेंट पर भारी हंगामा हुआ। हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। संयम लोढ़ा ने जोधपुर गैंगरेप के मामले में बीजेपी के लोगों के शामिल होने के कारण इसे सदन में ढंग से नहीं उठाकर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया। लोढ़ा के आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कड़ी आपत्ति की। स्पीकर जेपी चंदेलिया ने आरोपों को कार्यवाही से निकाल दिया। संयम लोढ़ा और बीजेपी विधायकों के बीच नोक-झोंक चली। बीजेपी विधायक हंगामा करने लगे। हंगामा बढ़ता देख सभापति ने 15 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

जैसलमेर में किसानों को नहरी जमीन आवंटित करने में भेदभाव पर मंत्री घिरे

जैसलमेर में किसानों को नहरी सिंचित जमीन आवंटित करने में किए गए भेदभाव से जुड़े सवाल पर उपनिवेशन मंत्री शाले मोहम्मद घिरते हुए दिखे। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विधायक रूपाराम ने सवाल उठाए तो स्पीकर सीपी जोशी ने भी किसानों को पिक एंड चूज के आधार पर जमीन आवंटित करने को गलत ठहराते हुए जल्दी से जल्दी जमीन का कब्जा देने के आदेश दिए। मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि जैसलमेर जिले में उपनिवेशन विभाग में 2006 से 2013 तक बोली लगाकर सिंचित जमीन की बिक्री की गई। इसमें कुल 3404 मामले उपनिवेशन आयुक्त के पास गए। इनमें से 2523 मामलों का निस्तारण कर दिया। जैसलमेर में 823 प्रकरण लंबित हैं। बचे हुए मामलों के लिए उपनिवेशन आयुक्त ने सरकार से मार्गदर्शन मांगा है। मंत्री ने माना कि पूरे मामले में अफसरों ने लापरवाही की है। उपनिवेशन आयुक्त जमीन आवंटित कर सकता था, लेकिन सरकार से मार्गदर्शन मांग लिया। इससे बेवजह टाइम खराब हो गया।

कांग्रेस विधायक रूपाराम बोले- ​भेदभाव से सरकार की छवि खराब हुई

कांग्रेस विधायक रूपाराम ने कहा कि 75 फीसदी किसानों को जमीन दे दी और 25 फीसदी के मामले पेंडिंग छोड़ दिए। पिछले 15 साल से ये किसान अपनी जमीन का कब्जा लेने का इंतजार कर रहे हैं। ​नहर की सिंचित जमीन लेने के लिए गरीब किसानों ने गहने बेचकर पैसा जमा करवाया, लेकिन चुन-चुन कर कब्जा दिया गया। पिक एंड चूज के आधार पर जमीन का कब्जा दिलवाया, जबकि बाकी बचे 800 से ज्यादा किसान अब भी पिछले 15 साल से जमीन का इंतजार कर रहे हैं। इन दलित गरीब किसानों के पास किराए के पैसे नहीं हैं। इनके मामले पेंडिंग रखने से सरकार की छवि खराब हो रही है। भू-माफिया खुलेआम खेत जोत रहे हैं।

स्पीकर के आदेश, किसानों को जल्द कब्जा दें
स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि नहरी जमीन आवंटित करने में भेदभाव हुआ है। पैसा जमा करवाने के 15 साल बाद भी जमीन का कब्जा नहीं दिलवाना गंभीर बात है। 25 फीसदी किसानों को किस नियम से छोड़ दिया। उपनिवेशन विभाग के नियम तय हैं। अफसरों ने किन नियमों में मार्गदर्शन मांग लिया। मार्गदर्शन को टाइम खींचने का रास्ता बना लिया। बचे हुए किसानों को जल्द जमीन का कब्जा दें। आगे ऐसा नहीं हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम करें।

विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित
तीन बिल पारित करने के बाद शाम को विधानसभा की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कल विधानसभा की कार्य सलाहकार समिति- बीएसी की बैठक होगी। बैठक में आगे का कामकाज तय किया जाएगा। विधानसभा की कार्यवाही 25 जुलाई तक चलाने पर फैसला हो सकता है।