चित्तौड़गढ़ - गोपाल चतुर्वेदी 
सरकार जहां बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लगातार नवाचार करते हुए एक बेटी पढेगी तो कई पीढ़ियां तरेगी की तर्ज पर बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। वहीं दूसरी ओर चित्तौड़गढ़ जिले के गांव अभयपुर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की तस्वीर कुछ और ही बयां करती है। जिसमें विगत कई समय से व्याख्याता के सभी पद रिक्त हैं तथा वरिष्ठ अध्यापक हिंदी एवं संस्कृत के पद रिक्त हैं। इसके साथ ही अध्यापक लेवल -2  के सभी स्थान रिक्त हैं। इसके अलावा इस विद्यालय में कुल 15 पद स्वीकृत हैं,
परंतु नाम मात्र के 4 अध्यापक कक्षा 1 से 12वीं तक की कक्षाओं को संचालित कर रहे हैं।  जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई भी सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है जिससे इस विद्यालय में पढ़ने वाले लगभग 300 छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इस विद्यालय में गांव से करीब 20 किलोमीटर दूरी से बालक बालिकाए पढ़ने के लिए पहुंचते हैं लेकिन अध्यापकों की कमी उनके भविष्य बनाने में रोड़ा बनी हुई है। इसी के विरोध में इस विद्यालय के छात्र- छात्राओं ने बुधवार को जिला कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है। जिसमें अध्यापकों के रिक्त पद भरने की मांग की गई है। स्कूल की एक छात्रा ने कहा कि अगर 7 दिन में इस विद्यालय के सभी रिक्त पदों को भरा नहीं जाता है तो पूरे विद्यालय में तालाबंदी की जाएगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।