हनुमानगढ़ - विश्वास कुमार 
जिले में बढ़ रहे नशे की प्रवृत्ति की प्रभावी रोकथाम, सभी विभागों के समन्वय को मजबूत करने के उद्देश्य से जिला कोआर्डिनेशन सेंटर की जिला स्तरीय समिति कि बैठक गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर रुक्मणि रियार कि अध्यक्षता में आयोजित हुई । जिला कलेक्टर ने बैठक में बताया कि पिछले दिनों वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मुख्य सचिव स्तर की बैठक में, देश से चार कलक्टर को हिस्सा लेने का मौका मिला जिसमें हनुमानगढ़ से मुझे मौका मिला, वीडियो कांफ्रेंस में बताया कि देश दो बड़ी समस्याओं से जूझ रहा है, पहला साइबर अटैक तथा दूसरी नशे कि समस्या से। यह विदेशी ताकतों द्वारा चलाया गया देश में सॉफ्ट वार है । आज नशे कि समस्या से पूरा देश जूझ रहा है , तो हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अपना दायित्व निभाए ।रुक्मणि रियार ने कहा कि एनडीपीएस में पुलिस प्रभावी कार्यवाही करें और नशे की गिरफ्त में जा रहे युवाओं को रोके । 
जिला कलक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि ओलंपिक खेलों के आयोजन से पहले युवाओं को नशा ना करने कि शपथ दिलाए। स्वीप गतिविधियों के अंतर्गत एंटी ड्रग अभियान चलाए । शारीरिक शिक्षकों का बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम हो और वो बच्चों से इंटरेक्शन बढ़ाए। कृषि कार्य में संलग्न मजदूर वर्ग द्वारा उपभोग किए जा रहे नशे कि और भी ध्यान देने कि आवश्यकता है। उनका निरीक्षण भी समय समय पर किया जाए । जिला कलक्टर ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वो नशा मुक्ति केंद्रों का संयुक्त टीम बनाकर निरीक्षण करें और उनमें क्या सुधार किया जा सकता है। उसी अनुरूप प्रभावी सुधार करवाए। सीएलजी, पुलिस मित्र, मंडे मीटिंग इत्यादि के माध्यम से नशे कि रोकथाम पर चर्चा करें और विभागों से समन्वय कायम कर इंटेलिजेंस मजबूत करें। रुक्मणि रियार ने कहा कि नशे कि सामग्री का प्रोडक्शन जिले में नहीं हो रहा। यह पड़ोसी राज्य, देश से आ रहा है , इसलिए मैन्युफैक्चर पर भी कार्यवाही होना जरूरी है । गांधी दर्शन शिविरों, नशा मुक्ति कि फिल्मों, कड़ी कार्यवाहियों के माध्यम से नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए । 
पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बैठक में कहा कि नार्को कि समस्या से पूरा देश प्रभावित है, नशे के खिलाफ लड़ने के लिए सभी विभागों का समन्वय आवश्यक है । जिले में नशे के सप्लाई के लिए बॉर्डर एरिया में ड्रोन से और अन्य टेक्नोलोजी का प्रयोग किया जा रहा है । पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, शिक्षकों इत्यादि ग्राउंड लेवल के कर्मचारियों से लेकर प्रशासनिक आधिकारियों तक से जानकारी आपस में साझा हो और रेगुलर इंटरेक्शन हो यह जरूरी है । नए एनडीपीएस एक्ट के प्रावधानों कि जागरूकता बढ़े । युथ को नशा जागरुकता अभियान में अधिक से अधिक जोड़े । नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है, स्कूलों और कॉलेजों के पास अगर कोई नशा बेचता हुआ मिलता है तो एनडीपीएस के साथ जेजे एक्ट में भी कार्यवाही हो। एसडीएम ड्रग्स बेचकर कमाई गई अवैध संपति को चिह्नित करें, उन्हें हटवाने की कार्यवाही की जाएगी।
ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि जिले में 1900 के करीब मेडिकल स्टोर्स है, जिनमे से 600 के पास ही एनडीपीएस दवाईयों का लाइसेंस है , सभी 600 मेडिकल स्टोर्स में अंदर और बाहर दोनों जगह सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए है और बिना डॉक्टर कि पर्ची के दवाइया वितरित नहीं की जा रही है । डीईओ ने नो बैग डे के अवसर पर सेमिनार आयोजित करने की बात कहीं ।  एडिशनल एसपी ने ऑपरेशन संजीवनी की जानकारी दी ।
बैठक में एडिशनल एसपी जस्साराम बोस, एडीएम प्रतिभा देवठिया, जिला आबकारी अधिकारी, डीईओ हंसराज जाजेवाल, सहायक निदेशक विक्रम सिंह शेखावत, एसीएमएचओ रवि खीचड़, पीलीबंगा एसडीएम संजना जोशी, एसीएफ करणवीर कौर, ड्रग इंस्पेक्टर पंकज जोशी के अतिरिक्त वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से नोहर एसडीएम सत्यनारायण सुथार, संगरिया एसडीएम रमेश देव,टिब्बी एसडीएम स्वाति गुप्ता,रावतसर एसडीएम रवि कुमार,भादरा एसडीएम शकुंतला चौधरी उपस्थित रहे।