श्रीगंगानगर - राकेश शर्मा 

लघु उद्योग भारती की ओर से आज प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन कर वर्तमान में राज्य सरकार तथा डिस्कॉम द्वारा सभी प्रकार के विद्युत बिलों पर फ्यूल सरचार्ज तथा स्पेशल फ्यूल सरचार्ज के नाम पर की गैर कानूनी वसूली का पूर्जोर विरोध किया। श्रीगंगानगर में इस सांकेतिक धरने का आयोजन स्थानीय जिला कलेक्ट्रेट के सामने किया गया, जिसमें लघु उद्योग भारती श्रीगंगानगर के अध्यक्ष गौरव बगडिय़ा, सचिव चन्द्रशेखर गौड़, किन्नू संघ के अध्यक्ष अरविंद गोदारा, अधिवक्ता संघ के एड. प्रताप सिंह शेखावत, सेवा भारती के जिलाध्यक्ष डॉ. संजीव चुघ, इन्डस्ट्रियल एस्टेट इन्डस्ट्रीज एसो. के अध्यक्ष राजीव गुप्ता, सीड्स प्रोडूसर एसो. के रविन्द्र यादव, तपोवन ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश पेड़ीवाल, पूर्व यूआईटी अध्यक्ष संजय महिपाल, रीको इन्डस्ट्रीज एसो. के सचिव सुनील अग्रवाल, अरोड़वंश ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष अजय सोनू नागपाल, दलिप बोरड़, राजेश जैन, मनोज जांगीड़, अंकुत गुप्ता आदि सहित बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने लघु उद्योग भारती के नेत्तृव में जिला कलक्टर के प्रतिनिधि एसडीएम मनोज मीणा को ज्ञापन सौंपा और कहा कि विद्युत बिलों में जुड़ रहे फ्यूल सरचार्ज एवं स्पेशल फ्यूल सरचार्जों से सभी व्यापारी परेशान है और खासतौर लघु उद्यमी इससे बहुत ज्यादा प्रभावित हो रहे है। गौरव बगडिय़ा ने कहा कि उद्योग व्यापार संगठन यह मांग करता है कि फ्यूल सरचार्ज के नाम पर किया रहा उद्योग एवं व्यापार जगत का शोषण तुरंत रोका जाये। स्पेशल फ्यूल सरचार्ज के नाम पर की जा रही अवैध वसूली को तुरंत समाप्त किया जाये और जिन व्यापारियों ने इस मद में राशि जमा करवा दी है उसका समायोजन किया जाये या रिफण्ड किया जाये। धरने के दौरान विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने अपने वक्तव्य में कहा कि राजस्थान में विद्युत उत्पादन केन्द्रों की कोयला खरीद की प्रक्रिया को कुशल वैज्ञानिक प्रबंधन द्वारा राज्यहित में सुदृढ़ किया जाये ताकि उत्पादन केन्द्रों पर पर्याप्त उच्च गुणवत्ता वाले कोयले का समुचित भण्डारा सदैव उपलब्ध रहे। इस मौके पर सभी ने सोलर ऊर्जा से बन रही बिजली को भी उसी दर पर खरीद करने की मांग की जिस पर डिस्कॉम उपभोक्ता को दे रही है। सौर ऊर्जा को राज्य सरकार हतोत्साहित करने के बजाय प्रोत्साहित करे ताकि राजस्थान की सौर ऊर्जा उत्पादन की विराट संभावनाएं मूर्त रूप ले सके। इसी में आगे वक्ताओं ने कहा कि लघु उद्योग तो केवल बिजली का बिल भरने के लिए ही उद्योग चला रहे है क्योंकि पहले तो बिजली महंगी, दूसरा उस पर सैकड़ों प्रकार के कर एवं सरचार्ज, तीसरा सोलर ऊर्जा के रेट कम, चौथा 10 से 15 प्रतिशत का ये फ्यूल सरचार्ज का अतिरिक्त भार। तो व्यापार कैसे राजस्थान में पनपेगा, यह एक बहुत बड़ा मुद्द है। इसे सरकार जल्द से जल्द संज्ञान में लेवे और उचित हल  निकाल व्यापारियो को राहत देने का कार्य करे। अंत में गौरव बगडिय़ा ने इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए सबका आभार व्यक्त किया।