जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
करीब 5 वर्षों से 20 ज्यादा कार्यालय बदलकर, 20 से ज्यादा फर्म व कंपनियां खोलकर अपने पार्टनरों को धोखा देने से लेकर लाखो निवेशकों को फर्जी न्यूरोसाइंस कोच की डिग्रियां, हेलन केलर व रोबो स्मार्ट लेब की फ्रैंचाइजी देकर करोड़ो रूपये ठगने के आरोपी को आज कटक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया तथा हवाई यात्रा से कटक ले गयी।
ओडीशा पुलिस की टीम में शामिल आईओ ज्योति साहा ने बताया की ओडीशा में दो एफआईआर कटक व भुबनेस्वर में दर्ज है तथा अनेको शिकायते दर्ज है। रोबो स्मार्ट लेब की फ्रैंचाइजी देने के नाम पर लाखो की ढ
ठगी की है। इसके अलावा अन्य तरह की फ्रैंचाइजी, फेक प्रोफाइल व फेक सर्टिफिकेट देकर करोड़ो रुपयों की लूट की है।
जयपुर में शिप्रा पथ, श्यामनगर तथा चित्रकूट थाने में दर्ज FIR के अलावा देश मे अनेको जगह परिवाद व शिकायते दर्ज है।
वीनू सिसोदिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ,पुलिस महानिरीक्षक सहित अधिकारियों को पत्र लिखकर बताया था कि श्यामनगर पुलिस थाने में 29 अक्टूबर 2022 FIR संख्या 540/22 दर्ज करवाई थी। जिसकी निष्पक्ष जांच का आग्रह करते हुए लिखा है कि मेरे साथ हुई धोखाधड़ी, फेक सर्टिफिकेट तथा फेक प्रोफाइल के विषय मे तथा अन्य लोगो के साथ कि जा रही लूंट के बारे में बताया है।
वीनू सिसोदिया ने लिखा कि जगदीश पारीक नामक व्यक्ति के द्वारा किये गए घोटालों, अवैध नेटवर्किंग व्यवसाय, फर्जी प्रोफाइल तथा फर्जी सर्टिफिकेट की आड़ में करोड़ो की लूंट व फर्जीवाड़े कर चलाई जाने वाली संस्थानों के बारे में पूर्ण सबूत दिए है। सामाजिक संस्थानों की आड़ में बड़ी लूंट व फर्जी संस्थानों के बारे में भी बताया है।
यूपीआई वॉलेट, बैंक खाते खोलना व बंद करना इसका मुख्य कार्य है। इनकी जांच अति आवश्यक है।
सिसोदिया ने लिखा कि ये भी जांच करवाएं की इनको किसका संरक्षण मिला हुआ है कि लगातार इतनी शिकायतों के बाद भी जगदीश पारीक आज भी क्रिप्टो करेंसी, अवैध नेटवर्किंग व्यवसाय, फर्जी सामाजिक पद, अवैध सामाजिक संस्थानों को खोलकर शोशल मीडिया के मार्फत जमकर प्रचार व लूंट करते है।
DGT, MSME व ILD के साथ फर्जी मानद डॉक्टर डिग्रियों का फर्जीवाड़ा खुले आम कर रहा है। इन सभी को इन विभागों ने अपनी वेबसाइटों में डालकर जाली प्रमाण-पत्र घोषित किया है, लेकिन ये नाम बदलकर डिग्रियां आज भी बांट रहा है।
जगदीश पारीक अपनी स्वंय की प्रोफाइल में यूनिवर्सिटी का गोल्ड मेडलिस्ट, माई स्कूल इटली के निदेशक, 100 बच्चों को जीनियस वर्ल्ड रिकॉर्डधारी बनाना वाला, 16 पुस्तक लिखकर भारत सरकार में लागू करवाने तथा न्यूरोसाइंस व मेटास्कील का हिमाचल सरकार का रिसर्चर, अमेरिका से पीएचडी सहित अनेको बड़ी बड़ी बातें लिख रहे है।
वर्ष 2018 में मेरे सहित 100 फ्रेंचाइजी देकर करोड़ो की लूंट की है। उसके बाद इस व्यक्ति हिम्मत बढ़ती गयी। नई फर्म, नया पार्टनर, नई संस्था, नया पद, नया पुरस्कार, नया पद, नया कार्यलय बना-बना कर लाखो व्यक्तियों को ठग चुका है।
देशभर के बड़े बड़े नाम को अपने साथ सोशल मीडिया पर फ़ोटो लगाकर भारत को पुनः विश्व गुरु बनाना है का नारा देकर कभी कोपरेटिव सोसायटी में, कभी आई मेमोरी स्कूल फाउंडेशन में, कभी हेलेन केलर की फ्रेंचाइजी के नाम पर, कभी आई ब्रेन रिर्चर सेंटर, कभी सबल भारत, कभी DMIT से ब्रेन का पता करके काउंसलिंग रिपोर्ट देना, कभी हेल्प इंडिया ऑनलाइन फाउंडेशन में मदद, निशुल्क शिक्षा,सिटी हेड के फायदे, हर माह रॉयल्टी स्कीम, कभी रोबोटिक्स लेब के नाम पर कभी रिटजी स्कूल,कभी अमेज़ॉन की गलेरी, कभी खुद के प्रोडक्ट की होम गलेरी कभी न्यूरोसाइंस की ट्रेनिंग के नाम पर कभी मानद डॉक्टर डिग्री के नाम पर असँख्य फ़्रॉड वो भी खुले आम वर्तमान डिस्काउंट मार्ट प्रायवेट लिमिटेड के मार्फत क्रिप्टो करेंसी एवम स्कीमो के जाल फ़ेंकर देशभर में खूब ठगी चल रही है।
हेल्प इंडिया व स्वंय की प्रोफाइल को बोलकर लिखकर लाखो व्यक्तियों के साथ करोड़ो की लूंट कर चुका है। जगदीश पारीक पिछले 5 वर्षों में अब तक 20 कंपनियां अथवा फर्म खोलकर बंद कर चुका है। 15 अपने पार्टनर अथवा निदेशकों को फसाकर लूंट की जा चुकी है तथा 20 से कार्यलय बदल लिए गए है।
मेरी तरह लाखो लोगो को ढग़ चुका है, पुलिस मदद की बजाय सरंक्षण देने जैसा कार्य कर रही है। आये दिन आईपीएस अधिकारियों के साथ ,बड़े अधिवक्ताओं व न्यायिक अधिकारियों के साथ फोटो डालता है।
250000 से ज्यादा न्यूरोसाइंस के सर्टिफिकेट, 1000 से ज्यादा फ्रेंचाइजी व एक लाख से ज्यादा नेटवर्किंग में लोगों को जोड़कर भी यदि इसके द्वारा बांटे गए लाखो प्रमाणपत्र व हज़ारों फ्रैंचाइजी से एक भी व्यक्ति कोई भी लाभ ले रहा है अथवा रोजगार प्राप्त है तो उस व्यक्ति का पुलिस बयान अवश्य ले।
वीनू सिसोदिया ने बताया कि शिप्रा पथ में जगदीश पारीक के द्वारा ब्लेक मेलिंग के शिकार हो चुके पवन पारीक ने FIR दर्ज करवाई है। इसी तरह की एक चित्रकूट पुलिस थाना में FIR 07-10-22 को 441/22 हो रखी है। वीनू सिसोदिया ने लिखा है कि मुझे पहले ही लाखो का नुकसान हो चुका है। कानूनी लड़ाई व कानूनी फीस देने की मेरी क्षमता नहीं है, लेकिन एक पीड़ित ऒरत की गुहार सुने इस फ़्रॉड की निष्पक्ष जांच करवाएं तथा मेरे रुपये दिलाये। 100 पेज सबूत के संलग्न भी किये है।
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