जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

देश-दुनिया के आला फनकार पद्मभूषण पं.विश्वमोहन भट्ट ने अपने 73वीं सालगिरह पर अपनी मोहनवीणा साज से राग मल्हार से सुरवर्षा कर उत्सवी सुरूर में इल्मदोस्त श्रोताओं को जमकर भिगोया। यहां क्लार्क्स आमेर के कंचन हॉल में चल रहे दो दिवसीय पं.मनमोहन भट्ट स्मृति संगीत समारोह और अवॉर्ड समारोह के आखिरी दिन पं.विश्वमोहन भट्ट ने ग्रैमी अवॉर्ड विनिंग स्वरचित कृति ए मिटिंग बाय द रिवर की प्रस्तुति में सलोने सात्विक सुरों से गुलाबी सावन में संगीत के इन्द्रधनुषी रंग बिखेरे, जिससे नजारा वाकई खुशगवार हो गया। पं. भट्ट ने अंगुलियों की बर्करफ्तारी से सलोने सुरों में मेघ गर्जना, बिजली का कड़कना, मोर का बोलना जैसी आवाजें पिरोकर रससिक्त कर दिया।

फनकार पं.भट्ट ने राग मल्हार के छह प्रकार बजाकर साज मोहनवीणा की अद्भुत सृजनात्मक शक्ति को जाग्रत किया। इस दौरान मल्हार रागों की राग मालिका की उम्दगी से भी दानिशमंद श्रोताओं के दिलों को छू लिया। तबले पर राम कुमार मिश्रा ने संगति के दौरान बनारस की थाप-चांट का बेहतरीन बानगी पेश कर कार्यक्रम के रौनक भर दी। इससे पहले तबला नवाज पं.अरविंद आजाद ने अपने एकल वादन में बनारस घराने सुरीलापन दर्शाया। अपने कमाले फन से पं.अरविंद ने विशिष्टताओं को समेटे रेला, परण, कायदे तथा अनेक तिहाइयां का उम्दा प्रदर्शन किया। समारोह में शहर की संगीत की कई हस्तियों समेत अनेक गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।

नवाजे गए संगीत के यह फनकार

कार्यक्रम के दौरान पं अरविंद आजाद को पं मनमोहन भट्ट लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। बक्श खान को भी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया। सवाई गाजी खान, बरकत खान, देऊ खान को पं. मनमोहन भट्ट मेमोरियल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।