जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मणिपुर में हुई महिला के साथ हिंसा को लेकर राजस्थान महिला आयोग ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है। राजस्थान महिला आयोग की चेयरमैन रेहाना रयाज ने राष्ट्रपति से मांग की है। कि इस तरीके की घटनाओं पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई होनी चाहिए। और इस तरीके की घटनाएं दोबारा ना हो इस पर विचार किया जाना चाहिए।
देश में स्लोगन चल रहा है 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ' , ऐसे बचाएंगे बेटी
इसे लेकर राजस्थान महिला आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा- मणिपुर के घटना सभी के लिए चाहे पुरुष हो या महिला बहुत दर्दनाक और शर्मिंदगी से भरी हुई थी इंसानियत से नीचे लोग कैसे गिर जाते हैं, यह मणिपुर में दिखाया है। यह तब दिखाया है। जब देश में ऐसा स्लोगन चल रहा है कि बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ। ऐसे अगर बेटियों को ऐसे बचाना है तो, बेटियों के पैदा होने से अफसोस होने लगेगा कि हम पैदा ही क्यों हुए। दुनिया भर में हमें बहुत शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ रही है। पूरी दुनिया इस चीज पर हमें क्रिटिसाइज कर रही है।
21वीं सदी में आदिमानव की तरह हरकत
यह घटना मई के महीने में हुई थी। बहुत बाद में जाकर एफआईआर दर्ज होती है। और कोई कार्रवाई नहीं होती है। चीफ मिनिस्टर से पूछा जाता है तो वे कहते हैं कि यहां तो ऐसे सैकड़ों मामले हैं। इसका मतलब मणिपुर जैसे प्रदेश में कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है। आज एक जो बिरादरी की महिला के साथ हुआ है। तो हो सकता है कि अगले दिन और बिरादरी की महिलाओं के साथ हो। जो बाहुबली है उनकी सारी ताकत महिलाओं को कुचलने में है। उनको गिराने में है। उनको शर्मिंदा करने में है। जिससे उनको शायद कोई सैटिस्फेक्शन मिलता है। दो महिलाओं के साथ इतने सारे लोग क्या ताकत दिखा रहे हैं। देश इस चीज के लिए तैयार नहीं है। हम 21वीं सदी से गुजर रहे है। हमारा देश में आज भी आदिमानव की तरह इस तरीके की हरकत को बर्दाश्त करना पड़ रहा है। औरत एक ट्रॉफी बनकर रह जाती है। ट्रॉफी की तरह उसका इस्तेमाल होता है। ऐसी हरकते हमें शर्मिंदा करती हैं। यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त करने के लायक नहीं है।
सेंट्रल गवर्नमेंट का सारा सिस्टम फेल; महामहिम कुछ करें
इसे लेकर हमने महामहिम राष्ट्रपति जी को एक पत्र लिखकर लिखा है जो इस देश के प्रथम नागरिक हैं और महिला है। महिला के दर्द को बहुत अच्छी तरीके से समझ सकती हैं। हमने उनको पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि महामहिम राष्ट्रपति जी आप इस पर सख्त कार्रवाई कर कठोर कदम उठाएं। ताकि उन लोगों को सबक मिले, सीख मिले। आइंदा इस तरीके की हरकतें किसी भी महिला के साथ नहीं हो। किसी पुरुष के साथ भी ऐसा नहीं होना चाहिए पर पुरुषों के साथ बहुत कम होता है। महिलाओं के साथ इस तरीके की जलील हरकतें हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। पूरा देश इस वक्त दर्द में है। सेंट्रल गवर्नमेंट का सारा सिस्टम फेल है। इसलिए महामहिम से गुजारिश कर रहे हैं। साथ में हम लोगों ने राष्ट्रीय महिला आयोग को भी पत्र लिखा है। कि आप भी इसमें कदम उठाएं। और भी प्रदेश के जितने भी जगह से स्टेट विमेन कमिशन है। उन सभी को पत्र लिखकर के कहा है कि हम सब मिलकर एक साथ इस अपराध के खिलाफ कुछ कदम उठाएं, आवाज उठाएं। ताकि अपराधियों को, अपराध करने वालों को, प्रोत्साहन देने वालों को सजा मिल सके।
18 साल से कम उम्र के बच्चों को इंटरनेट कनेक्शन देने वालों पर हो कार्रवाई
हमारे समाज में एक बहुत बड़े बदलाव की जरूरत है सोशल मीडिया जिस तरीके से समाज में गंदगी फैला रहा है। उस पर अंकुश लगाने की जरूरत है। कहते हैं कि 18 साल से पहले नेट का कनेक्शन नहीं मिलना चाहिए। उन लोगों के ऊपर कार्रवाई नहीं होती है। जो 18 साल से कम उम्र को कनेक्शन देते हैं।
पेरेंट्स टीचर्स के साथ-साथ समाज के लोग भी रखें नजर
इंटरनेट की वजह से भी महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहे हैं। इसलिए इंटरनेट की शिक्षा भी जरूरी है। दुनिया आगे बढ़ रही है। हमारे स्कूल की परंपराओं की ओर नहीं बढ़ सकते हैं। जो चीज हमारे बच्चों के लिए जरूरी है उसे उन्हें सिख आनी चाहिए। हमारे पेरेंट्स को, टीचर्स को, इसके साथ-साथ समाज के लोगों को भी नजर रखने की सख्त जरूरत है।
सोशल मीडिया का यंग जनरेशन पर पड़ रहा है नेगेटिव इंपैक्ट
महिला आयोग में आने के बाद मैं इस चीज को बड़ी शिद्दत से महसूस महसूस करती हूं कि इंटरनेट का और सोशल मीडिया पर जो भी प्रचार प्रसार होता है। उसका गलत नेगेटिव इंपैक्ट यंग जनरेशन के ऊपर पड़ रहा है। चाहे वह नेट का हो या नशे का हो। चाहे अब्यूज से जुड़ा हुआ कुछ भी हो। अभी अमेरिका की एक फिल्म आने वाली है- साउंड ऑफ फ्रीडम । उसको देखने की जरूरत है। जिस तरीके से जो हमारे बच्चों के साथ में, हमारे बालिकाओं के साथ में जो बदमाशियां हो रही है यह नहीं होना चाहिए। यह हमारे लिए भी बहुत चिंता का विषय है। लगातार ऐसे केस यहां पर रजिस्टर्ड होते हैं। लेकिन यह हमें भी समझ में नहीं आ रहा है कि इसे कैसे कंट्रोल करें। लगातार हम काउंसलिंग भी कर रहे हैं। लेकिन फिर भी इसका कोई असर नहीं दिख रहा है।
कोई संगठन महिला- पुरुष या ट्रांसजेंडर की डिग्निटी से बढ़कर नहीं
कुछ भी कर लो किसी एक महिला की इज्जत से बढ़कर कोई संगठन नहीं है। कोई भी महिला की डिग्निटी से बढ़कर, उसकी गरिमा से बढ़कर, उसके self-respect से बढ़कर कोई भी संगठन नहीं है। चाहे वह महिला हो या पुरुष हो या ट्रांसजेंडर हो। ऐसे कैसे कोई महिला संगठन है, जो महिलाओं के मामले में इस तरीके की बदतमीजी करने की इजाजत देते हैं। आप उसको क्या इंसान मानते हैं।
अपने खिलाफ हो रहे जुर्म पर आवाज उठाओ
राजस्थान में भी तो महिलाओं के साथ आए दिन रेप केसेस के मामले सामने आ रहे हैं आप ही के सरकार के मंत्री भी जब इसके लिए बोले तो उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। इसका जवाब देते हुए चेयरमैन ने कहा- आपके साथ यदि बदतमीजी हो रही है तो आप आवाज उठाएं। आप पहली दफा में आवाज उठाएंगे तो सामने वाला हावी नहीं हो पाएगा। सामने वाले को भी इस से डर लगता होगा। मैं हमेशा कहती हूं कि आप आवाज उठाओ। आप अपनी आवाज को मत दबाओ। अपने साथ हुए अन्याय को आप दबाइए मत। आप उसके खिलाफ बोलेंगे तभी सामने वाले को डर लगेगा। आप बोलेंगे, आपके बोलने से 10 लोगों को और हिम्मत मिलेगी। आपके साथ अगर कहीं भी अन्याय हो रहा है, तो तो हमारे व्हाट्सएप नंबर ईमेल या फ़ोन पर हमसे संपर्क कर सकते हैं।
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