भारत में तंबाकू, जर्दा, पान सुपारी, गुटखा आदि खाने का व्यापक रूप से प्रचलन है। इसके अलावा सिगरेट और बीड़ी की खपत हर तिमाही बढ़ती जा रही है। इस तरह की उपभोग की वस्तुएं बनानेवाली कंपनियों के मुनाफे जिस तेजी बढ़ते जा रहे हैं उसी गति से लोग अपने जबड़े और जमा पूंजी खोते जा रहे हैं क्योंकि ये सब वस्तुएं मुख कैंसर के प्रमुख कारण हैं। हमें एक बात का हमेशा ध्यान रखने चाहिए कि मुख का कैंसर तेजी से फैलता है इसलिए इसका निदान एवम् इलाज शीघ्र ही प्रारंभ होना चाहिए। ऐसा न होने पर रोगी के ठीक होने की संभावनाएं काफी कम हो जाती हैं।

देश में हजारों लोग हर वर्ष इस बीमारी की वजह से मरते हैं जबकि यह रोग आसानी से रोका जा सकता है। तंबाकू बंद और आप बीमारी के खतरे से बाहर। जिस प्रकार का यह कैंसर होता है उसमें दवा से ज्यादा फायदा नहीं होता है। मुख्यतया शल्य चिकित्सा और कुछ हद तक रेडियोथेरेपी ही इलाज के मुख्य स्तंभ होते हैं। कीमोथेरेपी महंगी होती है, पीड़ादायक होती है और फायदा होता है कि नहीं इस बारे में कुछ भी स्पष्ट तौर से नहीं कहा जा सकता।

मुख का कैंसर कैसे प्रारंभ होता है यह स्पष्ट नहीं है पर ह्यूमन पापिलोमा वायरस, चालीस पार उम्र, तंबाकू सेवन, अत्यधिक शराब पीना और गोरे लोगों का बहुत अधिक सूर्य की यू वी किरणों का सामना करना इसको क्रियाशील करने में सहायक होते हैं। मेरे व्यक्तिगत अनुभव के अनुसार अधिकतर लोग समय पर इस भय के कारण चिकित्सक की सलाह नहीं लेते कि कहीं वह कैंसर का निदान न कर दे। यह एक नासमझी पूर्ण व्यवहार है। आंख बंद करने क्या भेड़िया शुतुरमुर्ग को बक्शता है ?

जागरूकता के तौर पर उपरोक्त कारणों से अपने आप को सुरक्षित रखें। मुंह में कोई सूजन, घाव, फोड़ा, छाला या गांठ नजर आए तो तुरंत किसी अनुभवी चिकित्सक की सलाह लें क्योंकि प्रारंभिक अवस्था में यह रोग पूर्णतः ठीक किया जा सकता है। ध्यान रखिए, इस बीमारी का इलाज काफी महंगा होता है तो बचाव में ही असली बचाव है। तंबाकू, पुड़िया, जर्दा, सुपारी आदि के सेवन से बचें और लंबी उम्र का आनंद लें।