अजमेर जिले में किसानों से करोड़ों रुपए के चना-सरसों खरीद को लेकर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। आरोपी ने अच्छे भाव का झांसा देकर ग्रामीण क्षेत्रों से चना-सरसों व मूंग खरीदे और अब भुगतान नहीं कर रहा। यह खरीद जून माह में की गई है। इसका भुगतान दस दिन में किया जाना था लेकिन भुगतान नहीं हुआ।
कुछ किसान चार दिन पहले अजमेर स्थित खाद-बीज की दुकान पर पहुंचे और हंगामा किया। जब वे दुकान मालिक से चेक लेकर चले गए। आज फिर किसान पहुंचे और हंगामा किया किसानों का कहना है कि उनकी मेहनत की कमाई है और भुगतान मिलना चाहिए। पीड़ित किसानों की संख्या 200 से ज्यादा और मामला 30 करोड़ से ज्यादा का है।
मामले का खुलासा तब हुआ जब किसान अपने पैसे लेने के लिए अजमेर के राजस्थान बीज भंडार की दुकान पर पहुंचे और हंगामा किया। इसके बाद दुकान मालिक को आरोपी रिश्तेदार को दुकान पर काम करने वाला बताया और कहा कि वे खुद भी उसे तलाश कर रहे हैं।
किसी से सरसों तो किसी से चना-मूंग खरीदा, चेक बाउंस हुए
आरोपी व्यवसायी ने ग्रामीण क्षेत्र में किसानों से किसी से चना तो किसी से सरसों की खरीद की। सभी को दस दिन में भुगतान करने का वादा किया और चेक थमा दिए। जब चेक बाउंस हुए तो धोखाधड़ी का पता चला। इसके बाद किसान अजमेर स्थित दुकान पर पहुंचे।
- भिनाय निवासी परमेश्वर प्रजापति ने बताया कि मुकेश सैनी व दो अन्य व्यवसाइयों ने 52 रुपए की रेट से चने की खरीद की। समय पर पैसा नहीं दिया तो अजमेर दुकान पर आए। यहां चेक दिए गए और दस दिन में पैसा देने की बात कही। लेकिन पैसा नहीं दे रहे। अब फिर वापस आएंगे। एक करोड़ 29 लाख बकाया है।
- ढ़सूक अराई निवासी रामचरण ने बताया-करीब 60 से 70 किसानों की सरसों की खरीद मुकेश सैनी ने 48-49 रुपए किलो के भाव से की। उसने एक करोड़ के चेक दिए। जब बाउंस हो गए तो दुकान पर लेने आए। लेकिन यहां भी वो पैसे नहीं दिए जा रहे। यह किसानों की मेहनत की कमाई का पैसा है। ऐसे ही थोडे़ छोड़ देंगे।
- किसानों ने बताया कि ढसूक निवासी कालू जाट के 8 लाख रुपए, सुमेरसिंह के 10 लाख रुपए, पांडरवाड़ा निवासी भागचन्द कुम्हार के 5 लाख रुपए, दोतली निवासी कालु कुरडिया के 10 लाख रुपए, पान्उरवाड़ा निवासी बलवीरसिंह के 8 लाख रुपए का पेमेन्ट बकाया है। इसी प्रकार अन्य जगह के अन्य किसान भी है।
खाद बीज दुकान का मालिक बोला-मेरा कोई लेना देना नहीं
इस सम्बन्ध में बात करने पर राजस्थान बीज भंडार के प्रो. सुनील गहलोत ने बताया कि उनकी दुकान पर आबूरोड निवासी मुकेश सैनी काम करता था और सामान की सप्लाई करता था। ऐसे में उसने ग्रामीण क्षेत्र में अपनी पेठ बना ली। इसी बीच उसने सरसों-चने की खरीद करना शुरू कर दिया। जिसे वह अजमेर मंडी में लाकर बेचता था।
अब पता चला कि उसने कईं करोड़ों का माल किसानों से खरीद कर लिया और इनको चेक दे दिए। चार पांच दिन पहले 60-70 किसान यहां दुकान पर आए और हंगामा करने लगे। ऐसे में विवाद नहीं हो, इसलिए किसानों ने कहा कि आप दूसरे चेक दे दिजिए। तो डर के मारे चेक दे दिए। जबकि इस खरीद-फरोख्त से हमारा कोई लेना देना नहीं था।
हंगामा कर रहे किसानों की संतुष्टि के लिए चेक दे दिए। बस यही गलती हो गई। वैसे मुकेश हमारा रिश्तेदार है और अब वो फरार है। उसे ढूंढकर मामला सेटल कराने का प्रयास करेंगे। लेकिन इसमें हमारी कोई गलती नहीं। जो भी किया उसने ही किया है।
दुकानदार सुनील ने बताया कि आरोपी मुकेश सैनी के खिलाफ और जबरन दबाव डालकर चेक लेने वाले लोगों के खिलाफ क्लॉक टावर थाने में शिकायत दी गई है।
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