जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मानसून सीजन आने के साथ ही बजरी की खनन पर लगी रोक ने बजरी की कीमतों में इजाफा कर दिया है। ये इजाफा सप्लाई प्रभावित होने से बढ़ी है। जयपुर में स्टॉक से रोजाना करीब 500 ट्रक बजरी के आ रहे है, जो सामान्य दिनों में एक हजार ट्रक आया करते थे। इस अंतर के चलते बजरी विक्रेताओं ने कीमतों में 150 से 200 रुपए प्रतिटन तक महंगी कर दी है।
दरअसल मानसून में नदियों में पानी भरने और हादसे की आशंका को देखते हुए पर्यावरण मंत्रालय ने जुलाई, अगस्त के मानसून सीजन में बजरी खनन पर रोक लगा देता है। इस दौरान इन दो महीने बजरी लीज धारकों के स्टॉक एरिया से सप्लाई की जाती है। टोंक, सवाई माधोपुर में अभी करीब 8 स्टॉक एरिया है, जहां से बजरी सप्लाई की जा रही है। जयपुर में जहां सामान्य दिनों में बजरी 1100 से 1250 रुपए टन तक आती है, लेकिन अब स्टॉक से कम उठाव के कारण रेट 1400 प्रतिटन तक पहुंच गया है।
इधर पिछले कुछ दिनों से टोंक के मंडावर, सहीदाबाद, मुनिया और चूली में बने लीज धारकों के स्टॉक एरिया से बजरी उठाने पर भी स्थानीय प्रशासन की ओर से अघोषित रोक लगा रखी है। ट्रक संचालकों के विरोध के चलते दिन या रात में कुछ घंटों के लिए ही बजरी सप्लाई दी जाती है। ऑल राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष नवीन शर्मा का कहना है कि पिछले दिनों कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन देकर इस समस्या से अवगत करवाया था और उन्होंने अवैध खनन पर भी रोक लगाने की मांग की। लेकिन इन सबके बावजूद हालात वैसे ही बने हुए है।
आपको बता दें कि राजस्थान में वर्तमान में माइनिंग डिपार्टमेंट की ओर से कुल 32 लीजे बजरी खनन के लिए आवंटित कर रखी है। जयपुर में 80 फीसदी बजरी टोंक, सवाई माधोपुर एरिया से ही आती है और सर्वाधिक बजरी की मांग टोंक की बनास नदी की है।
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