जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

मानसून में जोधपुर की सड़कों की बदहाली किसी से छुपी नहीं है। सीवरेज लाइन और सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल है। शहर वासियों को विकास के लिए बजट नहीं होने की बात कही जाती है।जबकि जनप्रतिनिधियों को चुनावी साल में खुश करने के लिए टैबलेट बांटे जा रहे हैं। पहले नगर निगम दक्षिण ने अपने सभी पार्षदों को टैबलेट बांटे और अब नगर निगम उत्तर भी इसकी खरीद में जुट गया है।

180 से ज्यादा टैबलेट बंटेंगे

नगर निगम दक्षिण में पहले अपने 80 निर्वाचित पार्षदों और सरकार की ओर से मनोनीत पार्षदों को टैबलेट बांटे थे। इसके अलावा कुछ प्रमुख अधिकारियों को भी टैबलेट दिए गए थे। अब नगर निगम उत्तर ने अपने सभी पार्षदों को टैबलेट बांटने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।

50 लाख करेंगे खर्च

नगर निगम उत्तर शुरू से ही आर्थिक स्थिति में तंगहाली से गुजर रहा है। लेकिन इसके बावजूद चुनावी साल में नेताओं को खुश करने के लिए 50 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इस राशि से पार्षदों और कुछ अधिकारियों के लिए टैबलेट की खरीद होगी। इससे पहले नगर निगम दक्षिण ने भी करीब इतनी ही राशि खर्च कर अपने पार्षदों के लिए टैबलेट खरीदे थे।

चुनाव में कोई नाराज न हो

इसी साल दोनों नगर निगम ने अपने बजट बैठक में पार्षदों को टैबलेट वितरण करने की घोषणा की थी। पहले नगर निगम उत्तर ने टैबलेट बांटने का निर्णय किया। लेकिन निगम दक्षिण की बैठक 1 दिन पहले हुई और महापौर वनिता सेठ ने घोषणा पहले कर दी। दोनों ही निगम के बोर्ड अपने पार्षदों को नाराज नहीं करना चाहते। इसी साल विधानसभा चुनाव है और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं में पकड़ बनाने के लिए पार्षदों की सक्रियता महत्वपूर्ण है। इसीलिए पार्षदों को व्यक्तिगत तौर पर यह सौगात दी जा रही है।

हर वार्ड में जनता के कार्य का बजट भी 35 लाख

इस बार चुनावी साल में दोनों ही नगर निगम ने पार्षद की अनुशंसा पर करवाए जाने वाले कार्यों की लिमिट भी बढ़ा दी है। पहले 1 साल में एक पार्षद की अनुशंसा पर 25 लाख के कार्य करवाए जाते थे। लेकिन इस बार इस लिमिट को बढ़ाकर 35 लाख कर दिया गया है। खास बात यह है कि जिस बोर्ड का नजदीकी पार्षद है, उसके वार्ड में कुछ काम भी शुरू हो गए हैं।