श्रीगंगानगर से राकेश शर्मा 

अपर सेशन न्यायाधीश (संख्या-01) डॉ महेंद्र के. एस. सोलंकी की अदालत ने पदमपुर मार्ग पर स्थित धन-धन शहीद बाबा गुरुद्वारा प्रबंध समिति के तथाकथित सेवादार तेजेंद्रपालसिंह टिम्मा की चक 11-जी  गुरुद्वारा सत करतार साहिब में गुरुग्रंथ साहब की बेअदबी मामले में अग्रिम जमानत अर्जी को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया है। तेजेंद्रपालसिंह टिम्मा ने 2 दिसंबर 2020 को चूनावढ़ थाना में अवतारसिंह की रिपोर्ट पर अनेक व्यक्तियों पर चक 11 जी (हरनिया) स्थित गुरुद्वारा सत करतार साहिब में रात्रि को कुछ हथियारबंद व्यक्तियों के प्रवेश कर पुलिस कर्मियों से मारपीट करने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और गुरु ग्रंथ साहब का अमर्यादित ढंग से अपहरण के दर्ज मुकदमे में गिरफ्तारी से बचने के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में जमानत अर्जी लगाई थी। जिला एवं सत्र न्यायालय से यह अर्जी अपर जिला सत्र न्यायाधीश (संख्या-01) को अंतरित कर दी।अग्रिम जमानत अर्जी में तेजेंद्रपालसिंह टिम्मा ने 2 दिसंबर 2020 में दर्ज उक्त प्रकरण में लगभग डेढ़ दर्जन बिंदुओं का हवाला देकर खुद को निर्दोष बताते हुए तर्क प्रस्तुत किये। विद्वान न्यायधीश डॉ. महेंद्र के. एस. सोलंकी ने दोनों पक्षों के तर्क-वितर्क सुनने और पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर विगत अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। गुरुद्वारा सत करतार साहिब प्रबंधक कमेटी के प्रधान मनजीत सिंह, कोषाध्यक्ष जगसीरसिंह,मुकदमा में परिवादी अवतारसिंह, हरगोविंद सिंह, लखविंदरसिंह तथा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के वरिष्ठ नेता अनिल गोदारा ने आज गोल बाजार के एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी देते पुलिस से मांग की है कि तेजिंदरपाल सिंह टिम्मा को अविलंब गिरफ्तार किया जाए। अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज हुए 9 दिन हो गए हैं। अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं होने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि गुरु घर और गुरु ग्रंथ साहब की बे-अदबी करने के साथ यह पुलिस के इकबाल को बनाए रखने का भी बहुत संगीन मामला है उक्त घटना के दौरान आरोपियों ने गुरुद्वारा में तैनात पुलिस कर्मियों पर अवैध हथियार तान दिए थे। मारपीट कर उनके मोबाइल फोन भी छीन लिए थे। उन्होंने कहा कि टिम्मा की गिरफ्तारी के लिए जिला पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया जा रहा है। आगामी मंगलवार को चक 11-जी गुरुद्वारा में सिख संगत की इस मामले को लेकर बैठक बुलाई जा रही है। टिम्मा को गिरफ्तार नहीं किया गया तो इस बैठक में आंदोलन करने पर विचार किया जाएगा। बैठक के बाद उपस्थित लोग गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक से मिलने श्रीगंगानगर आएंगे।

अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज किए जाने के विद्वान न्यायाधीश द्वारा 6 पेज के दिए आदेश प्रति उपलब्ध करवाते उन्होंने बताया कि इसमें पुलिस जांच के महत्वपूर्ण पहलुओं का उल्लेख किया गया है। पुलिस ने जांच में तेजेंद्रपालसिंह टिम्मा को घटनाक्रम का सूत्रधार माना है। इसका षड्यंत्र 28 नवंबर 2020 को शहीद बाबा दीपसिंह गुरुद्वारा में रचा गया था। इस दिन बाबा दीपसिंह गुरुद्वारा में एक मीटिंग हुई। मीटिंग में चक 11-जी छोटी के गुरुद्वारा में जाना तय किया गया।पुलिस ने इस घटना में पकड़े गए अन्य आरोपियों की कॉल डिटेल तथा लोकेशन की पड़ताल की। घटना के समय और बाद में तेजेंद्रपालसिंह लगातार की घटना को अंजाम देने वालों से मोबाइल फोन पर संपर्क बनाए हुए था। इसी के आधार पर टिम्मा को पुलिस ने आरोपी माना है। न्यायाधीश ने तेजेंद्रपालसिंह टिम्मा पर वर्ष 1983 से लेकर 2022 तक दर्ज कल 19 आपराधिक मामलों के विवरण को भी आधार बनाया है।  टिम्मा दो प्रकरणों में सजा से दंडित और दो प्रकरणों में पाबंद है। विद्वान न्यायाधीश ने पूरे प्रकरण में गुणावगुण पर कोई टिप्पणी किए बिना अग्रिम जमानत का टिम्मा को लाभ देना न्यायोचित नहीं माना।