जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजधानी में बच्चों को केंद्र में रखकर एक काल्पनिक कहानी "द क़्वीन ऑफ़ कोबनाज ओशियन" उपन्यास रचा गया है। जिसके केन्द्र में समुद्र और उसके काल्पनिक पात्र है। बच्चों के इस विचित्र संसार को जयपुर के प्रसिद्व रंगकर्मी एवं साहित्यकार नीरज कुमार सरना रचा है।

इस कहानी का कथानक इतना अदभुद है कि पढते-पढते कब आप इन काल्पनिक पात्रों के बीच जा खड़े होते हो पता नही चलता। यह कहानी समुद्र की एक रानी की है जो अपने आसपास के जीवों की रक्षा करती है वहीं कैरी जो उसी साम्राज्य का राजा बनना चाहता है जिसके कारण द्वंद पैदा होता है। यह कहानी जहॉ अपनी मौलिकता के साथ पाठकों में नैतिकता का पाठ पढ़ाती है, वहीं अदभुत शक्तियां, रहस्यमयी प्राणी और एडवैंचेरियस यात्रा कौतुहल पैदा करता है। इस किताब के संवाद पात्र और कहानी से जोड़ कर वास्तिविकता का भान करवातें हैं। साथ ही इस उपन्यास को जीवंत और वास्तविक बनाने के लिये इसके पात्रों और दृश्यों को डिजीटली तैयार किया गया। 

नीरज ने बताया कि यह कहानी साहस, मित्रता और क्षमा की शक्ति को प्रमुखता देती है जो हर उम्र के वर्ग का छूती है। यह राजमाता ममैया और उनके नेता कैरी, बुजुर्गों, बच्चों और समुद्र अद्भुत जीवों को बचाने की साहसिक कहानी है इससे पहले भी वे बच्चों के लिये किताबें लिख चुकें है। कोबना की महारानी का सागर उपन्यास रंगीन चित्रों और डिजीटल आर्ट की वर्क की तकनीक से बनाई गई है। यह अमेजन पर उपलब्ध है।