राजस्थान राज्य समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. अर्चना शर्मा ने भाजपा नेताओं द्वारा प्रतिदिन मणिपुर की लोमहर्षक एवं दिल दहला देने वाली घटना को दबाने के लिये दिये जा रहे अनर्गल बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि राजस्थान के नागरिक होने के नाते भाजपा नेताओं का भी दायित्व है कि झूठे आरोपो से राज्य की छवि खराब ना करें, मणिपुर के हालातों से राजस्थान की तुलना करना ओछी एवं स्वार्थ परक राजनीति है, मणिपुर 80 दिन से राज्य प्रायोजित जातीय हिंसा की आग में जल रहा है. थानों से शस्त्र लुटवाये जा रहे हैं महिलाओं की इज्ज्त से सरेआम खेला जा रहा है, जातीय उन्माद चरम पर हैं, कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है, जिस पर केन्द्र के किसी भी भाजपा नेता ने 77 दिन तक मुँह नहीं खोला, मणिपुर की राज्यपाल तक कह चुकी है कि उन्होंने जीवन में हिंसा का ऐसा तांडव कभी नही देखा, वहाँ की भयावह स्थिति की रिपोर्ट वो केन्द्र को कई बार भेज चुकी मगर कोई कार्यवाही नही हुई। भयावह, विभत्स एवं अतिअमानवीय वीडियो आने, सुप्रीमकोर्ट द्वारा सज्ञान लिये जाने पर प्रधान मंत्री ने मात्र 36 सेकिन्ड का औपचारिकता और राजनैतिक धूर्तता भरा बयान देकर पल्ला झाड़ लिया साथ में चुनावी फायदे के लिए राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ का जिक कर मणिपुर के दर्दनाक हालात को दबाने का प्रयास किया। ऐसा ही प्रयास राजस्थान के भाजपा नेता कर रहे है जो अत्यन्त निन्दनीय है, राजस्थान में जब भी कोई अपराध कारित हुआ है तब राजस्थान पुलिस ने तत्परता से कार्यवाही कर आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
शांतिपूर्ण राज्य को बदनाम करने की कोशिश को राज्य की जनता देख व समझ रही है
प्रदेश के बयानवीर भाजपा के एक नेता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए कहा है कि वो महिला उत्पीडन पर मुँह नही खोलते, यह उनकी सत्य रूपी सूर्य को देखकर आंखेबन्द करने की मुद्रा है. इसे राजनैतिक स्वार्थ की अन्धता भी कहते है, उन्हे एवं प्रदेश को जानकारी है कि जोधपुर काण्ड में 3 घण्टे में सभी तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसी प्रकार अन्य प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही कर आरोपियों की गिरफ्तारी एवं शीघ्रता से चालान पेश कर पीड़िताओं को न्याय एवं आरोपियों दोषियों को सजा दिलवाई गई है।
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