उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि इस देश में​ औसत विधानसभाएं 20 से 25 दिन ही चलती हैं। चुने हुए प्रतिनि​धि कम समय के अंतर्गत किस तरह की क्वालिटी ऑफ गवर्नेंस को मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मुझे समझ नहीं आता। विधायिका के कार्यक्षेत्र में हमने संवैधानिक व्यवस्था ही नहीं कि है कि कितने दिन हाउस चलेगा, जबकि मैं विदेश में गया, वहां सप्ताह में 3 दिन असेंबली-पार्लियामेंट चलती है। वहां सप्ताह में मीटिंग होती है, चर्चा होती है।

डॉ. जोशी मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में मंगलवार को हुए लीडरशिप कॉन्क्लेव में सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और कुलपति प्रो.आईवी त्रिवेदी मौजूद थे।

हम जनता को पॉलिटिकल एजुकेट नहीं कर रहे: डॉ जोशी
डॉ. जोशी ने आगे कहा कि हमने कोरोनाकाल में ऐसा समय देख कि जिनके मां-बाप पढ़े-लिखे थे उन्होंने तो अपने बच्चों को मोबाइल के आधार पर पढ़ाने का काम किया लेकिन जिनके मां-बाप के पास मोबाइल नहीं थे, उनके बच्चों को पढ़ाई कराने का काम किसने किया। क्या कभी विधानसभा और लोकसभा में इस पर चर्चा हुई। ऐसे बच्चे आगे जाकर किस तरह देश का निर्माण करेंगे।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हम जनता को पॉलिटिकल एजुकेट नहीं कर रहे हैं कि शिक्षा नीति में परिवर्तन करेंगे। बीएसटीसी-बीएड कॅरिकुलम पर चर्चा करेंगे। ये चर्चा करने का काम मैंने किसी पॉलिटिकल पार्टी के एजेंडे में नहीं देखा।

शासन चलाने को श्रेष्ठ पद्धति है संसदीय लोकतंत्र: बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि हिंदुस्तान ही नहीं, दुनिया ने ये माना है कि शासन चलाने के लिए सबसे श्रेष्ठ पद्धति संसदीय लोकतंत्र है। संसदीय लोकतंत्र में जितनी चर्चा, डिबेट और आलोचनाएं होगी। वही हमारे लोकतंत्र को सशक्त और मजबूत करेगी।

बिरला बोले, एक पारदर्शी और जबावदेही शासन के साथ कार्यपालिका हो और कार्यपालिका की जबावदेही विधायिक के प्रति होनी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि महाराणा प्रताप की वीरता, त्याग और तपस्या कितने वर्षों तक आज भी लोगों के मन-विचार में है। आज उनके नेतृत्व क्षमता के कारण दुनिया में देश का गौरव-सम्मान बढ़ता है। इससे आज के युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए।