जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जयपुर की एडीजे कोर्ट-3 ने जयपुर के पूर्व राजपरिवार से जुड़े मामले में वकील के समय पर नहीं पहुंचने के कारण गायत्री देवी के पोते देवराज और पोती लालित्या देवी के दावे को खारिज कर दिया है।

वसीयत से जुड़ा है पूरा मामला
यह पूरा मामला गायत्री देवी की वसीयत के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (प्रोबेट) जुड़ा है। देवराज व लालित्या ने कोर्ट से अपनी दादी की वसीयत को सही बताते हुए उसी के अनुसार चल-अचल संपत्तियों में हकदार मानने के लिए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करने का आग्रह किया था।

इस मामले में पृथ्वीराज सिंह, विजित सिंह, उनके बेटे जयसिंह और नातिन उर्वशी देवी भी पक्षकार हैं। देवराज व लालित्या के अधिवक्ता रजत रंजन ने कहा- हमें कोर्ट पहुंचने में आधे घंटे की देरी हुई थी। उस पर ही कोर्ट ने हमारे दावे को खारिज कर दिया। हम जल्द ही कोर्ट में रेस्टोरेशन (पुन: दावे की बहाली) की एप्लिकेशन लगाएंगे।

दोपहर 12 बजे तक कोर्ट नहीं पहुंचे वकील
पृथ्वीराज सिंह, विजित सिंह व अन्य के अधिवक्ता रामजीलाल गुप्ता ने बताया- पिछली सुनवाई पर 1 जून को वादी के वकील (रजत रंजन) ने कोर्ट से कहा था कि आगामी 5 जुलाई को सुनवाई मामले की सीनियर एडवोकेट बहस करेंगे। इसलिए समय दे दिया जाए। कोर्ट ने बहस के लिए 5 जुलाई सुबह 11.30 बजे का समय तय किया था।

दोपहर 12 बजे तक देवराज व लालित्या की ओर से पैरवी के लिए कोई वकील कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ। विपक्ष के वकील ने कहा कि वादी पक्ष ने खुद ही पैरवी के लिए समय तय किया है और वे खुद ही मौजूद नहीं हैं। इसलिए उनका दावा खारिज किया जाए। इस पर कोर्ट ने देवराज व लालित्या देवी के दावे को खारिज कर दिया।

क्या है पूरा विवाद
यह पूरा विवाद गायत्री देवी की वसीयत से जुड़ा है। गायत्री देवी की मौत 2009 में हुई थी। उसके बाद उनके बेटे जगत सिंह की संतानों देवराज व लालित्या ने गायत्री देवी की वसीयत को सही बताते हुए उसके लिए कोर्ट से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र मांगा।

दूसरी ओर, गायत्री देवी की वसीयत को विजित सिंह व उर्वशी देवी ने कोर्ट में चुनौती दे रखी है। साथ ही, देवराज व लालित्या के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र पर भी आपत्ति जताई है। अब उत्तराधिकार प्रमाण पत्र का मामला जयपुर की एडीजे-3 अदालत में और वसीयत को चुनौती देने का मामला एडीजे-2 अदालत में चल रहा है।

विजित सिंह व उर्वशी देवी, देवराज व लालित्या के चचेरे भाई-बहन हैं। यह पूरा विवाद जय महल होटल्स, एसएमएस इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन व सवाई माधोपुर स्थित संपत्तियों से जुड़ा हुआ है। देवराज व लालित्या ने इनमें अपने हिस्से के शेयरों की मांग की है।