जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

रियल एस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी (रेरा) ने एक बिल्डर के खिलाफ फैसला सुनाते हुए उसके प्रोजेक्ट की अनसॉल्ड प्रोपर्टी और बैंक खाते को सील करने के आदेश दिए हैं। ताकि इनको ऑक्शन करके परिवादी का पैसा लौटाया जा सके। ऑथोरिटी ने ये आदेश परिवादी अनीता कौशिक की याचिका पर दिए सुनवाई के बाद दिए।

परिवादी के एडवोकेट अनुराग जैन ने बताया- कौशिक ने जून 2016 में बिल्डर वीएन बिल्डटैक प्रा. लि. के जगतपुरा स्थित डी मार्ट के पास बन रहे प्रोजेक्ट 'एक्सक्लूसिव 444' में फ्लैट बुक करवाया था। बुकिंग के समय बिल्डर ने अप्रैल 2018 में फ्लैट का कब्जा देने का वादा किया। अप्रैल 2018 में प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ। कब्जा नहीं देने पर परिवादी ने बुकिंग निरस्त करने की मांग की और बिल्डर से पैसा मांगा। इस पर बिल्डर ने थोड़ा समय मांगा और दिसंबर तक कब्जा देने का आश्वासन दिया। दिसंबर में भी फ्लैट का कब्जा नहीं मिलने पर परिवादी ने दोबारा बिल्डर जमा पैसे लौटाने के लिए कहा। इस पर बिल्डर ने अपने बैंक खाते के दो चैक (एक लाख रुपए और 50 हजार रुपए) के देकर बैंक लोन की किश्त के पैसे भरने के लिए परिवादी को दिए और थोड़ा समय और मांगा।

बैंक किश्त के दिए चैक हुए बाउंस
बिल्डर के दिए गए चैक जब परिवादी ने बैंक में लगाए तो दोनों बाउंस हो गए। इसके बाद परिवादी मार्च 2022 में रेरा ऑथोरिटी में याचिका लगाई। याचिका पर सुनवाई करते हुए ऑथोरिटी के सदस्य शैलेन्द्र अग्रवाल ने दिसंबर 2022 में आदेश जारी करके बिल्डर को परिवादी का सम्पूर्ण जमा राशि 9.70 फीसदी ब्याज के साथ 6 माह के अंदर लौटाने के आदेश दिए।

जून में फिर दिया समय
जून 2023 तक आदेश की पालना नहीं करने पर परिवादी ने अवमानना याचिका दायर की। जिस पर सुनवाई के बाद रेरा ऑथोरिटी ने बिल्डर को 7 दिन का और समय देते हुए पैसा ब्याज सहित रिफण्ड करने के आदेश दिए। इस बार भी बिल्डर ने आदेशों की पालना नहीं की। इस पर ऑथोरिटी के सदस्य अग्रवाल ने नाराजगी जताते हुए रेरा रजिस्ट्रार को बिल्डर के प्रोजेक्ट की तमाम अनसॉल्ड प्रोपर्टी को अटैच करने और बैंक खाते को फ्रीज करने के आदेश दे दिए। इन आदेशों के बाद रजिस्ट्रार ने बैंक को पत्र लिखकर बिल्डर का खाता फ्रीज करवाया और अब प्रोपर्टी को अटैच करने की तैयारी चल रही है।