जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

प्रदेश बीजेपी में अंदरखाने चल रही गुटबाजी की चर्चाओं का बाजार गरम रहा हो लेकिन, कभी भी इसकी झलक सार्वजनिक मंच पर नजर नहीं आई। हालांकि, पिछले कुछ आयोजनों में जरूर तनातनी देखी गई लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश स्तर के नेताओं ने एक साथ मंच साझा कर इन अफवाहों को हवा नहीं लगने दी।

लेकिन, अब चुनावी माहौल के करीब आते ही जयपुर शहर बीजेपी की गुटबाजी व नेताओं के आपसी मतभेद सार्वजनिक मंचों से साफ दिखाई देने लगे हैं।

दरअसल, बुधवार शाम जयपुर शहर बीजेपी की ओर से ‘नहीं सहेगा राजस्थान अभियान’ के तहत गांधी सर्किल पर आयोजित धरने में बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं को आमंत्रित किया गया था। लेकिन धरने में नाम मात्र के कार्यकर्ता पहुंचे और नाम मात्र के ही नेता। इस अभियान की लॉन्चिंग 16 जुलाई को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जयपुर के बीलवा गांव से की थी। अभियान के तहत प्रदेशभर में 15 दिनों तक कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन आयोजित होंगे।

इन लोगों को बुलाया गया था धरने में
शहर बीजेपी की ओर से आयोजित धरने में जयपुर शहर की 9 विधानसभा सीटों के बीजेपी विधायकों व बीजेपी प्रत्याशियों को बुलाया गया था। इसके साथ ही शहर बीजेपी के सभी पदाधिकारियों व अन्य कार्यकर्ताओं को बैठक में शामिल होना था।

लेकिन बैठक में केवल 3 विधानसभा प्रत्याशी ही धरने में पहुंचे। इनमें आदर्श नगर से अशोक परनामी, सिविल लाइन से अरूण चतुर्वेदी और झोटवाड़ा से राजपाल सिंह शेखावत ही धरने में पहुंचे। धरने में जयपुर शहर का एक भी विधायक नहीं पहुंचा। धरने में जयपुर शहर के सांसद रामचरण बोहरा भी शामिल हुए।

ये लोग नहीं पहुंचे धरने में
धरने में नहीं पहुंचने वाले नेताओं में सांगानेर से विधायक अशोक लाहौटी, विद्याधर नगर से विधायक नरपत सिंह राजवी और मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ शामिल हैं। विधायक कालीचरण सराफ के विधानसभा क्षेत्र में ही धरना था। लेकिन उसके बाद भी वह धरना स्थल पर नहीं पहुंचे।

इसके अलावा हवामहल से भाजपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक सुरेंद्र पारीक, किशनपोल से प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक मोहनलाल गुप्ता व बगरू से प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक कैलाश वर्मा भी धरने में शामिल नहीं हुए।

वहीं शहर बीजेपी में करीब 19 पदाधिकारी हैं। इसमें से भी 5 से 6 पदाधिकारी धरने में शामिल नहीं हुए। इनमें महामंत्री अजय पारीक व महामंत्री कुलवंत सिंह सहित कई अन्य पदाधिकारी ऐसे हैं जो धरने में शामिल नहीं हो सके।

जयपुर शहर में बीजेपी की स्थिति कमजोर
चुनावों के लिहाज से बीजेपी शहर में मजबूत मानी जाती है। लेकिन पिछले विधानसभा चुनावों में शहर की 9 सीटों में से 6 सीटें बीजेपी हार गई थी।

केवल 3 सीटों पर ही बीजेपी के विधायक जीते थे। हारने वाली सीटों में हवामहल, सिविल लाइन, किशनपोल, आदर्श नगर, बगरू व झोटवाड़ा शामिल हैं। बीजेपी प्रत्याशी केवल सांगानेर, विद्याधर नगर और मालवीय नगर में ही जीत पाए थे।

नहीं आने वालों से मांगा जाएगा स्पष्टीकरण
विधायकों को लेकर जिला अध्यक्ष राघव शर्मा ने कहा कि विधानसभा चल रही है। इसलिए विधायक नहीं आ सके। लेकिन जब उन्हें बताया गया कि विधानसभा 6 बजकर 7 मिनट पर स्थगित हो गई थी।

वहीं धरना करीब 7:15 तक चला है। तब इसका वे जवाब नहीं दे पाए। वहीं पूर्व विधायक व पदाधिकारियों को लेकर उन्होंने कहा कि ये लोग कहीं ना कहीं व्यस्त होंगे। हमने धरने की सूचना सभी को दे दी थी। उन्होंने कहा कि धरने में नहीं आने वालों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।