चित्तौड़गढ़ - गोपाल चतुर्वेदी
चित्तौड़गढ़ के सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की दीमक ने सरकारी विभाग को खोखला कर दिया है। जिसमे विभाग के अधिकारी आमजन को उनके कार्यालयों के चक्कर लगा लगा कर फुटबॉल बना रहे हैं। वर्तमान में बात की जाए तो सबसे अधिक भ्रष्ट विभाग पीडब्ल्यूडी माना जाएगा जिस पर उदयपुर एसीबी टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चित्तौड़गढ़ पीडब्ल्यूडी विभाग में XEN के पद पर कार्यरत राजेंद्र प्रसाद लखारा को 4 लाख की रिश्वत राशि के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की। वह इसी श्रंखला में चित्तौड़गढ़ एसीबी टीम ने पारसोली थाना में तैनात कांस्टेबल मुकेश मीणा को 7500 की रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया दोनों से ही आगे की पूछताछ की जा रही है l
चित्तौड़गढ़ में बुधवार का दिन एसीबी टीम के नाम रहा जहां पर उन्होंने अलग-अलग जगहों पर कार्रवाई की। जिसमें बड़ी कार्रवाई उदयपुर एसीबी टीम ने बुधवार देर शाम डाक बंगले मे पीडब्ल्यूडी एक्स ई एन राजेंद्र प्रसाद लखारा को 4 लाख की बड़ी रिश्वत राशि के साथ फिल्मी स्टाइल में पीछा करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इसके बारे में जानकारी देते हुए उदयपुर एसीबी टीम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह राठौड़ ने बताया कि उदयपुर के एक ठेकेदार से करीब दो करोड़ के सड़क निर्माण के बाद बिल पास करने की एवज में 2% कमीशन राशि की मांग की। जिस पर ठेकेदार द्वारा उदयपुर एसीबी कार्यालय में एक परिवाद दिया गया जिसका सत्यापन करवाने के बाद बुधवार देर शाम पीडब्ल्यूडी डाक बगले मैं एक्स ई एन के सरकारी आवास पर चार लाख रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि सरकारी क्वार्टर पर रिश्वत राशि लेते समय आरोपी अधिकारी लखारा को एसीबी टीम के आने की भनक लग गई थी जिस पर उसने क्वार्टर का मुख्य दरवाजा बंद करके पीछे के रास्ते से भागने का प्रयास किया लेकिन विभाग की टीम ने सजगता के साथ उसे धर दबोचा रिश्वत राशि के ₹4 लाख जप्त किये। उन्होंने बताया कि सरकारी आवास से डेढ़ लाख रुपए छानबीन के दौरान और पाए गए हैं जिसके बारे में आरोपी अधिकारी से पूछताछ की जा रही है। उदयपुर में उसके अन्य मकानों की भी तलाशी जारी है।
चित्तौड़गढ़ एसीबी टीम ने भी बुधवार को पारसोली थाने में कार्रवाई करते हुए परिवादी गोपाल भील की शिकायत पर कांस्टेबल मुकेश मीणा को ₹7500 की रिश्वत राशि के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। इस प्रकरण में जानकारी में सामने आया है कि परिवादी गोपाल लाल भील मजदूरी का काम करता है और वह 28 जून को अपने खेत पर खुद के उपयोग के लिए कच्ची शराब बना रहा था। जिसकी सूचना मिलने पर कांस्टेबल मुकेश मीणा खेत पर पहुंचा और मामले को दबाने के लिए राशि की मांग की। पहले आरोपी कांस्टेबल परिवादी से रुपए ले चुका है और बुधवार को एक बार फिर से उसने रुपयों की मांग की। इस पर ACB कार्यालय में दिए गए परिवाद के आधार पर कार्रवाई की गई।
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