जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

घुमंतू बोर्ड के पूर्व चेयरमैन गोपाल केसावत सहित चार आरोपियों को साढे 18 लाख रुपए लेने के मामले में एसीबी ने आज कोर्ट के सामने पेश किया। एसीबी ने चारों आरोपियों का रिमांड नहीं मांगा तो कोर्ट ने चारों को 15 दिन के लिए जेल भेज दिया। इस पूरे घटनाक्रम पर आज एडीजी एसीबी हेमंत प्रियदर्शी ने प्रेस कांफ्रेंस की जिस में उन्होंने RPSC को क्लीन चिट देते हुए कहा कि इस प्रकरण में RPSC का किसी भी स्तर का व्यक्ति शामिल नहीं हैं। एडीजी ने कहा कि अभी तक यह ठगी का मामला है और ठगी लोकसेवक के जरिये काम करवाने के लिए की गई।

एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि परिवादी ने एफआईआर में एक महिला आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा के नाम का जिक्र किया है। हालांकि केसावत और उससे जुड़े हुए लोगों की मंजू शर्मा से कोई पहचान नहीं हैं।​​ केसावत और उसके साथियों के खिलाफ अभी एसीबी जांच कर रही है। उन के बैंक खातों की जानकारी अभी तक एसीबी के पास नहीं है। उस पर काम किया जा रहा है। वहीं अब तक चारों आरोपियों की मोबाइल चैट और फोन कॉल से जो जानकारी मिली उससे पता चला है कि इन का RPSC के किसी मेंबर से कोई सम्पर्क नहीं रहा है। प्रियदर्शी ने बताया कि अभी केसावत और अन्य तीनों बदमाशों के बैंक खाते और कॉल खंगाली जा रही हैं। उनकी जांच पूरी होने पर अगर एसीबी को लगेगा की पीसी लेना चाहिए तो एसीबी उनका पीसी लेगी।

इन सवालों के नहीं एसीबी के पास जवाब

1 एसीबी की रडार पर आए कांग्रेस नेता गोपाल केसावत सहित गिरफ्तार चारों आरोपी आपस में कैसे मिले, इस गैंग का सरगना कौन है जिसने 25 लाख रुपए RPSC में पास कराने के एवज में मांगे

2 RPSC सदस्य मंजू शर्मा का नाम केसावत ने किस कारण से लिया, क्या मंजू और केसावत कभी RPSC के कार्यालय में मिले

3 एसीबी को इस पूरी कार्रवाई में एसीबी के पास पैसा लेने के अलावा और कोई सबूत नहीं मिले जिस के आधार पर केसावत या अन्य को रिमांड पर लिया जाता

4.एसीबी के पास केसावत को पूछने के लिए सवाल क्यों नहीं हैं, जब की पैसा RPSC में नौकरी लगाने के नाम पर लिया जा रहा था

5 परिवादी ने बताया कि उसने आरोपियों को कहा कि उसकी बहन ने भी पेपर दिया है, जिस पर आरोपियों ने बताया कि वह तो पेपर के दिन एबसेंट थी। ये जानकारी आरोपियों तक कैसे पहुंची

6 पीड़ित ने बताया कि उसके कई दस्तावेज आरोपियों ने उसे चैक कराए, ये दस्तावेज इन तक कैसे पहुंचे