चित्तौड़गढ़ - गोपाल चतुर्वेदी 

प्रदेश में बालिकाओं और महिलाओं के साथ दुष्कर्म और गैंग रेप जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही है। जिसके विरोध में विपक्षी पार्टी भाजपा लगातार सरकार पर हमलावर होती रही है। कुछ दिनों पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह क्षेत्र जोधपुर के पुराना परिसर में हॉकी ग्राउंड में एक नाबालिग के साथ गैंगरेप की घटना सामने आने के बाद जहां विपक्षी पार्टी भाजपा ने सोमवार को विधानसभा के सत्र में इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाया। जिस पर सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों ने इसका विरोध भी किया। वही मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर इस घटना में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का नाम दिए जाने का विरोध प्रकट करते हुए जिला कलेक्ट्री चौराहे पर मानव श्रृंखला बना कर राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा l 

इसके बारे में जानकारी देते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के चित्तौड़गढ़ प्रांत के रतन वैष्णव ने बताया कि विगत साढ़े चार वर्षों में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर रही है और इसी के चलते बेखौफ होकर असामाजिक तत्व राजनीतिक संरक्षण में महिलाओं और बालिकाओं के साथ अत्याचार करने और दुष्कर्म की घटनाओं को लगातार अंजाम दे रहे हैं। इसके कारण आज महिलाएं और बालिकाए पूरे प्रदेश में अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में यह चुनावी वर्ष है इसी कारण अशोक गहलोत सरकार पुलिस सहित विभिन्न सरकारी मशीनरी का उपयोग अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए कर रही है। 15 जुलाई को जोधपुर में गैंगरेप की घटना में भी राज्य सरकार घटनाओं को रोकने के बजाय कुछ मीडिया समूहों का सहारा लेकर आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस प्रशासन बिना किसी तथ्य और आधार के आरोपों के संबंध एबीवीपी के साथ होना बता रहे हैं।  उन्होंने बताया कि आरोपियों का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से किसी प्रकार का कोई लेना देना नहीं है जिसके लिए डीसीपी अमृता दुहान को इससे बेबुनियाद आरोप के मामले में अपना खंडन प्रकट करना चाहिए। 

वहीं उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा में विधायक संयम लोढ़ा की ओर से विधानसभा पटल पर जो वक्तव्य दिया गया है उसकी बीवी एबीवीपी निंदा करती है और स्पीकर से मांग करती है कि बिना किसी तथ्य के विद्यार्थी परिषद जैसे सामाजिक संगठन पर बेबुनियाद तरीके से बयान बाजी कर रहे हैं