बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट।
80 लाख रुपए की फिरौती के लिए महिला को धमकाने वाले रोहित गोदारा गैंग के तीन गुर्गों को पुलिस ने दबोच लिया है। इनमें एक फिरौती मांगने वालों में शामिल था, जबकि दो अन्य पुलिस कार्रवाई से बचाने की कोशिश में जुटे थे। बदमाशों ने खुद को रोहित गोदारा गैंग का सदस्य बताया था, ऐसे में पुलिस ज्यादा सख्ती के साथ इनको दबोच लिया।
दरअसल, सत्रह जून को ट्रांसपोर्टर लक्ष्मीनारायण की पत्नी झमकू देवी (29 वर्ष) को धमकी दी गई। उन्हें बताया कि वो रोहित गोदारा गैंग के सदस्य है और हर हाल में अस्सी लाख रुपए की फिरौती दें अन्यथा उनके बच्चों का किडनैप कर लिया जाएगा। दरअसल, झमकू देवी मूल रूप से लूणकरनसर के खारड़ा गांव की रहने वाली है। अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए जयनारायण व्यास कॉलोनी में किराए का मकान लेकर रह रही है।
घर में घुसकर धमकाया था
17 जुलाई की शाम छह बजे तीन युवक झमकू देवी के घर में जबरन घुस गए थे। महिला को डराया और गैंगस्टर रोहित गोदारा से फोन पर बात करवाई। 80 लाख रुपए की फिरौती की मांग की और कहा कि दो दिन में 80 लाख रूपये की व्यवस्था कर लेना नहीं तो तुम्हें व तुम्हारे परिवार को जान से मार देंगें। इस मामले की छानबीन उप निरीक्षक सुषमा को सौंपी गई लेकिन खुद आला अधिकारी इसकी पड़ताल में जुटे रहे।
वृताधिकारी वृत सदर श्रीमती शालिनी बजाज, डीएसटी टीम, साइबर सेल की टीम और जयनारायण व्यास कॉलोनी पुलिस की अलग-अलग टीमों ने दिन रात एक करके धमकी देने वालों का पता लगाया। सीसीटीवी में आये फुटेज के आधार पर मुल्जिमों का रूट चार्ट तैयार किया गया व फुटेज के आधार पर पुलिस ने डाटा बेस तैयार किया। पुलिस की टीमों ने पूर्व में चालानशुदा अपराधियों से पूछताछ की व संदिग्ध व्यक्तियों पर तकनीकी रूप से कार्य किया। संदिग्ध स्थानों पर रेड की गई। पुलिस टीमों ने बीकानेर के अलावा नागौर, नोखा, जोधपुर, जालोर व सिरोही में छापेमारी की।
दस हजार का इनामी बदमाश पकड़ा
इस दौरान पुलिस ने 25 हजार रुपए के इनामी बदमाश जेठूसिंह को डीएसटी टीम ने पकड़ लिया। जय नारायण व्यास कालोनी थाने के हेड कॉन्स्टेबल विजय सिंह, साइबर सैल के हैड कॉन्स्टेबल दीपक यादव मय टीम ने सिरोही से बदमाशों को शरण देने व तकनीकी उपकरण मोबाइल व अन्य आइटम उपलब्ध करवाने व शरण देने के आरोप में किशोर सिंह को हिरासत में लिया। पीड़िता के चाचा मनोज कुमार सारस्वत को भी पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसकी भी भूमिका सामने आ रही है।
रोहित गोदारा ने दिया लालच
पुलिस का दावा है कि इस मामले में रोहित गोदारा ने खुद आगे बढ़कर अपने गुर्गों को टारगेट दिया था। वो महिला और उसके पति से लाखों रुपए लेना चाहते थे। गुर्गों को बहुत पहले ये टारगेट दिया गया था लेकिन पुलिस मुस्तैदी के चलते वो कार्रवाई नहीं कर रहे थे। इस बीच उन्हें अधिक आर्थिक लाभ देने की बात कही गई। इस पर रोहित गोदारा के दिए लालच में आकर गुर्गों ने घटना को अंजाम दिया।
पुलिस सक्रिय तो फरार हुए युवक
घटना को अंजाम देने के बाद स्विफ्ट कार से गांवों के रास्ते से होते हुए घटना में फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर झब्बरसिंह के घर पहुंचे। जहां पर दो दिन रुककर वहां से गांव बूगड़ी के अशोक सिंह से रुपए लेकर ओसियां पहुंच गए। वहां पर दुबारा कार की फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर जोधपुर-पाली-सिरोही होते आबू रोड पहुंच गये । आबू रोड़ कैलाश गेस्ट हाउस में रूक कर आबू रड निवासी किशोर सिंह उर्फ मामू के सहयोग से रुक गए व आगे की वारदात करने की प्लानिंग बना रहे थे।
इनको किया गिरफ्तार
पुलिस ने जेठूसिंह पुत्र भोजुसिंह किशोर पुत्र लालसिंह निवासी आबू रोड जिला सिरोही, मनोज कुमार सारस्वत पुत्र भूराराम को गिरफ्तार किया है। आरोपीगणों को शरण देने वालों में सुशील निवासी खारड़, ईश्वर सिंह निवासी साईसर पांचू व अशोक सिंह निवासी गांव बूगड़ी जोधपुर को नामजद किया गया है।
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