उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान में इस बार मानसून आने से पहले बांधों में पानी आना शुरू हो गया। राज्य में मानसून के पूरी तरह से एक्टिव होने से पहले ही 68 बांध ओवर फ्लो हो गए, जिसमें से 22 ऐसे बड़े बांध है।इनकी क्षमता 4.25 मिलियन क्यूबिक मीटर से भी ज्यादा है। बीसलपुर, जवाई, गुढा, सरदारसमंद जैसे बड़े बांध जिनमें जुलाई मिड में पानी की आवक शुरू होती उनमें भी इस सीजन मानसून से पहले पानी आ गया।
जल संसाधन विभाग से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में कुल 690 बांध में से केवल 3 बांध ही फुल भरे थे। इसमें जयपुर का चंदलाई, शिवकी डूंगरी और उदयपुर का सोम पिकअप बांध है, जो मानसून से पहले तक भरे थे। लेकिन बिपरजॉय तूफान और मानसून के बाद ये संख्या बढ़कर 74 हो गई। इसमें 52 छोटे बांध है, जिनकी भराव क्षमता 4.25 मिलियन क्यूबिक मीटर से कम है, जबकि 22 बड़े बांध है, जिनकी भराव क्षमता 4.25 मिलियन क्यूबिक मीटर से ज्यादा है।
285 बांध अब भी खाली
राजस्थान के 690 में से 285 बांध ऐसे है, जब अब भी पूरी तरह खाली पड़े है। जबकि 326 बांधों में पानी उपलब्ध है, लेकिन वो ओवरफ्लो नहीं हुए।
कालीसिंध नदी पर बने कालीसिंध बांध के गेट तो मानसून के आगमन के साथ ही खुल गया। इस बांध का एक गेट पिछले दो-तीन दिन से लगातार खुला है और यहां से 650 क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा है।
इसी तरह कोटा बैराज का भी एक गेट खोलकर पानी छोड़ा गया है। जवाहर सागर बांध का गेज भी लगभग फुल होने की स्थिति में है।
1 करोड़ से ज्यादा लोगों की प्यास बुझाते है बांध
पाली, अजमेर, जयपुर, टोंक जिले के करीब 1 करोड़ लोगों पीने के पानी की प्यास बीसलपुर, जवाई बांध से होती है। इन दो बांधों में भी अमूमन जुलाई आखिरी या अगस्त से पानी की आवक शुरू होती है। इस बार इन दोनों बाधों में जून में पानी आना काफी चौंकाने वाला है। बिपरजॉय तूफान से पहले जवाई बांध में केवल 25 फीसदी ही पानी था और जलस्तर 8.76 आरएल मीटर था, वह 13 दिन में 4.50 मीटर बढ़कर 13.21 से ऊपर आ गया, ये बांध के कुल भराव का करीब 48 फीसदी हो गया। इसी तरह बीसलपुर बांध में भी का गेज भी बिपरजॉय तूफान से पहले 312.80 आरएल मीटर था, जो बढ़कर अब 313.19 आरएल मीटर पर पहुंच गया।
ये बड़े बांध 14 दिन में हुए ओवर फ्लो
टोंक : गलवा, दाखिया
जालौर : बांकली, बाण्डी सेन्धरा, नौसरा उनाव, चांवरचा
पाली : हेमवास, मिठरी, बनियावास, सादड़ी बांध, गिलोरया,
सिरोही : टोकरा, भूला,
बूंदी : चाकन
राजसमंद : नन्दसमंद, बागेरी का नाका, चिकलियावास, कुन्डली
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