6 जुलाई को यस बैंक में 24.89 लाख रुपए लूटने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उससे लूटे हुए 11 लाख रुपए भी बरामद हुए हैं। पूछताछ में लुटेरे ने जो खुलासा किया, उसे सुनकर पुलिस वाले भी हक्के-बक्के रह गए। लूट की वारदात को अंजाम देने वाला युवक रेलवे में TTE है। बैंक लूटने के लिए उसने पहले 50 रुपए में प्लास्टिक की पिस्टल (खिलौना) खरीदी। उसी खिलौने की मदद से बैंक लूटा।
6 जुलाई को बैंक मैनेजर ने कराया था मामला दर्ज
बुधवार को सीकर सीकर एसपी करन शर्मा ने बैंक लूट का खुलासा किया। उन्होंने बताया- यस बैंक मैनेजर प्रदीप धतरवाल ने 6 जुलाई को मामला दर्ज करवाया था। कहा था कि सुबह करीब 11 से 11: 30 बजे के बीच बैंक में एक बदमाश आया। उसके ब्रांच मैनेजर के बारे में पूछा। उस वक्त बैंक में केवल प्रदीप ही मौजूद थे। पहले तो बदमाश ने बैंक मैनेजर से टू व्हीलर लोन के बारे में पूछा। इसके बाद उसने प्रदीप को अपने बैग में से एक लेटर निकाल कर दिया। उसमें लिखा था कि ब्रांच मैनेजर साहब आप भी बाल बच्चे वाले हो और इस बैक के अंदर एक बम और गन है। सारा केश मुझे दे दो।
इसके बाद मैनेजर ने फोन करके अपने स्टाफ को वहां बुलाया। इसके बाद बदमाश को डर के मारे बैंक कर्मचारियों ने सेफ में रखे 24.89 लाख रुपए दे दिए। आरोपी बैंक का गेट लॉक करके वहां से फरार हो गया। इसके बाद बैंक कर्मचारियों ने बैंक के अंदर रखी दूसरी चाबी से गेट खोला और आसपास के लोगों और पुलिस को इसकी सूचना दी।
सीसीटीवी फुटेज खंगाले
हाईवे पर दिनदहाड़े हुई इस घटना के बाद सीकर एसपी करन शर्मा और आईजी उमेश चंद्र दत्ता ने मौका मुआयना किया। पुलिस ने आरोपी की तलाश में फतेहपुर और आसपास के कई गांवों में सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की। इसमें एक ऑल्टो गाड़ी कई बार आती-जाती हुई दिखाई दी। इससे पुलिस को क्लू मिल गया कि आरोपी शायद लोकल इलाके का ही रहने वाला है। वहीं आरोपी ने बैंक लूटने से पहले फतेहपुर में ही यूनियन बैंक की ब्रांच में भी इसी तरह की वारदात करनी चाही।
यहां वह अपनी कार लेकर गया। आरोपी ने इस दौरान मुंह पर कपड़ा बांधा हुआ था। यूनियन बैंक की ब्रांच में आरोपी ने खुद को हेड ऑफिस का कर्मचारी होना बताया। स्टाफ ने उससे आईडी कार्ड और अन्य जानकारी मांगी तो वह वहां से फरार हो गया। बुधवार को आरोपी की तलाश में पुलिस लगी थी। दादिया इलाके की ओर से संदिग्ध गाड़ी आती दिखी। पुलिस ने तुरंत गाड़ी को रुकवाया और मुकेश गढ़वाल (34) निवासी गढ़वालों की ढाणी यालसर को गिरफ्तार कर लिया। मुकेश अपनी पत्नी के साथ था। वह अपनी पत्नी को पीहर से वापस लेकर आ रहा था। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। आरोपी ने बताया कि उसने बैंक कर्मचारियों को डराने के लिए 50 से 100 रुपए की खिलौने की बंदूक अपनी पैंट में दबाई हुई थी।
पुलिस के मुताबिक, मुकेश रेलवे में टीटीई है। वह पिछले 6 महीने से ड्यूटी पर नहीं गया है। वेतन नहीं मिलने से परेशान था। आरोपी के खिलाफ सीकर के जीआरपी थाने में नवलगढ़ स्टेशन मास्टर पर जानलेवा हमला करने और जीआरपी जयपुर थाने में लैपटॉप, मोबाइल चोरी करने का मामला दर्ज है।
आरोपी स्टेशन मास्टर पर हमला करने के मामले में 3 महीने की जेल भी काट चुका है। मुकेश ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि उसकी किडनी और लिवर दोनों खराब है। वह आदतन शराबी है। मुकेश नौकरी पर अपने पिता की जगह लगा हुआ है। आरोपी के पिता को गठिया रोग है। आरोपी की गाड़ी में से 11 लाख बरामद किए गए हैं। लूटी गई शेष राशि के बारे में पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
आरोपी की गिरफ्तारी में सीकर डीएसटी टीम के इंचार्ज विरेंद्र यादव, डीएसटी टीम के कॉन्स्टेबल हरीश, विजयपाल, रमेश, अशोक, सुभाष, सुरेंद्र और साइबर सेल के महेश, राकेश, अंकुश, फतेहपुर सदर थाना पुलिस के कॉन्स्टेबल संदीप कुमार की अहम भूमिका रही।
एसपी बोले - नौकरी करते 26 साल, ऐसी लूट कभी नहीं देखी
एसपी करण शर्मा ने बताया कि मुझे नौकरी करते हुए करीब 26 साल हो गए। आज तक ऐसी कोई लूट नहीं देखी, जिसमें कोई खिलौने की बंदूक से लूट हुई हो। इतना ही नहीं इस पूरे मामले में पहले सीसीटीवी देखने पर बैंक कर्मचारी भी संदिग्ध लगे। हालांकि अब तक की इन्वेस्टिगेशन में ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया है। आरोपी ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर लूट की।
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