जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजस्थान में पहली बार आयोजित होने जा रहे शहरी और ग्रामीण ओलंपिक में अब तक 58 लाख 50 हजार से ज्यादा खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। इनमें 24 लाख 46 हजार से ज्यादा महिला खिलाड़ी शामिल है। गुरुवार को ओलंपिक के आयोजन को लेकर खेल मंत्री अशोक चांदना ने समीक्षा बैठक ली।

जिसमें खेल विभाग के साथ स्वायत्त शासन विभाग, पंचायती राज विभाग और जिला प्रशासन से जुड़े अधिकारी भी मौजूद रहे। इस दौरान 5 अगस्त से जिलेवार ओलंपिक के आयोजन को लेकर विभागवार अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई।

खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि इस अनूठे आयोजन का मकसद राजस्थानयों को फिट और हिट रखना है। जिसमें राजस्थान के हर गली मोहल्ले गांव कस्बे और शहर के खिलाड़ियों ने रिकॉर्ड रजिस्ट्रेशन करवाया है। जो अपने आप में एक अनूठा रिकॉर्ड है।

शहरी और ग्रामीण ओलंपिक के आयोजन से न सिर्फ राजस्थान की जनता स्वस्थ और तंदुरुस्त रहेगी। बल्कि, हम ज्यादा से ज्यादा बेहतर नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ियों को भी खोज पाएंगे। जो भविष्य में न सिर्फ राजस्थान ही नहीं भारत का नाम दुनियाभर में रोशन करेंगे।

युवा मामले एवं खेल विभाग के शासन सचिव नरेश ठकराल ने बताया कि अब तक ग्रामीण एवं शहरी ओलंपिक खेलों के लिए 58 लाख 50 हजार खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। जिनमें 24 लाख 46 हजार महिलाएं हैं। इनमें ग्रामीण खेलों के लिए 46 लाख 12 हजार जबकि शहरी खेलों के लिए 12 लाख 38 हजार खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। ठकराल ने बताया कि इस बार ग्राम पंचायत स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं 5 अगस्त से शुरू होगी। जो 10 अगस्त तक चलेगी। इसी प्रकार ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिताएं 17 से 22 अगस्त और जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं 1 से 6 सितम्बर जबकि राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं 15 से 18 सितम्बर तक होगी। इसी तरह शहरी क्षेत्र में भी प्रारंभिक प्रतियोगिताएं 5 से 10 अगस्त के बीच होगी। इसी तरह जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं 1 से 6 सितम्बर और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं 15 से 18 सितम्बर तक खेली जाएंगी।

ओलिंपिक के लिए होंगे 130 करोड़ खर्च

शहरी और ग्रामीण ओलिंपिक के आयोजन को भव्य बनाने के लिए सरकार ने इस बार बजट में 90 करोड़ की बढ़ोतरी की है। जहां पिछले साल सरकार ने 40 करोड़ रुपए खर्च कर ग्रामीण ओलिंपिक का आयोजन करवाया था। वहीं इस बार शहरी और ग्रामीण ओलिंपिक के लिए कुल 130 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

इसके तहत ब्लॉक, वार्ड और जिला स्तर पर खिलाड़ियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। वहीं, जिला स्तर पर पहुंचने वाले खिलाड़ियों को ड्रेस किट भी उपलब्ध करवाया जाएगा।

बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने शहरी और ग्रामीण खेलों में स्टेट लेवल पर जीतने वाली टीम के खिलाड़ियों के गांवों में मनरेगा से 50 लाख रुपए तक की लागत के स्टेडियम बनाने का फैसला किया है। इसके साथ ही इन खेलों में मेडल जीतने वालों के लिए सरकारी कॉलेजों में एडमिशन में प्रायोरिटी देने का प्रावधान करने पर विचार चल रहा है।

राज्य स्तर पर जो टीमें जीतेंगी, उनके गांवों में महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से 50-50 लाख रुपए की लागत के स्टेडियम बनाए जाएंगे। जो खिलाड़ी राज्य स्तर पर चैंपियन बनेंगे, उन्हें होम गार्ड भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी। शहरी और ग्रामीण ओलिंपिक में मेडल विजेता खिलाड़ियों को सरकारी कॉलेज में एडमिशन में प्राथमिकता मिले, ऐसी योजना बनाई जाएगी।

जिला स्तर पर विजेता खिलाड़ियों को ट्रैक सूट और तहसील स्तर पर विजेता खिलाड़ियों को मेडल, सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। खेलों में भाग लेने वाले सभी लगभग 57 लाख खिलाड़ियों को टी-शर्ट उपलब्ध करवाई जाएगी।