बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

डेढ़ सप्ताह से इंदिरा गांधी नहर में सिंचाई का पानी बंद है। घग्घर में ज्यादा पानी आने से गुरुवार तक 4000 क्यूसेक पानी इंदिरा गांधी नहर में आरडी 629 से लिया गया लेकिन हैरानी की बात ये है कि इसमें से 2200 क्यूसेक पानी अकेले अनूपगढ़ शाखा काे दे दिया गया क्याेंकि ये वाे ब्रांच है जहां प्रदेश के तमाम रसूखदाराें की जमीनें हैं। काेलायत, बीकमपुर, पाेकरण, गजनेर समेत बीकानेर, जैसलमेर और चूरू के किसानाें की रेग्युलेशन विंग काे चिंता नहीं है।

दरअसल जब नहर में पूरी तरह हरिके से पानी बंद किया था तब तीन समूह की बारी में किसानाें काे पानी दिया जा रहा था। उसी हिसाब से शेड्यूल भी तय किया गया था। अचानक से पानी बंद करने से शेड्यूल बिगड़ गया। घग्घर में ज्यादा पानी आया ताे उससे करीब 4000 क्यूसेक पानी नहर में आने लगा लेकिन इसका आधा पानी अकेले प्रथम स्टेज की अनूपगढ़ ब्रांच काे 2200 क्यूसेक दे दिया। इस नहर की क्षमता 2600 क्यूसेक है। इसके पीछे वजह है कि प्रदेश के तमाम बड़े जनप्रतिनिधियों, ब्यूराेक्रेट की जमीनें इसी ब्रांच पर हैं। पहले स्टेज की नहर है लेकिन इसी नहर से खाजूवाला तक भी पानी आता है। नहरी नजरिये से खाजूवाला भी प्रथम स्टेज में ही आता है लेकिन काेलायत, लूणकरणसर, पाेकरण, जैसलमेर, चूरू समेत कई जिलाें में भी पानी छोड़ने का शेड्यूल से सप्लाई नहीं दी गई। अभियंताओं ने इन्हें प्राथमिकता नहीं दी। खबर है कि दाे दिन पहले हनुमानगढ़ जाेन के मुख्य अभियंता काे जिला प्रमुख कुलदीप इंदाैरा ने नहर पर ही घेर लिया था और उसी के दबाव में ये पानी अनूपगढ़ ब्रांच में दिया गया क्याेंकि प्रथम स्टेज का काेई मंत्री, विधायक और नेता किसानाें के हित में बाेलने काे तैयार नहीं है।

घग्घर का जलस्तर कम हाेने के बाद हरिके से छूटेगा पानी

भले ही बीकानेर और जैसलमेर जाेन की फसलें सूख जाएं लेकिन नहर विभाग हरिके बैराज से पानी तभी लेगा जब घग्घर का जलस्तर कम हो जाएगा और ये तय हो जाएगा कि अब घग्घर का पानी नहर में नहीं आएगा। वैसे भी घग्घर नहर से तीन फीट नीचे है। थोड़ा भी जल स्तर कम होते ही नहर में पानी बंद हो जाएगा। इससे बड़ी हैरानी की बात ये भी है कि अब तक पीने के लिए जाे 1500 क्यूसेक पानी लिया जा रहा था वाे उमसें भी 1200 क्यूसेक भाखड़ा स्कीम काे दिया जाने लगा। यानी सेकेंड स्टेज के लिए अब पीने का पानी भी बंद कर दिया गया। बीकानेर जलदाय विभाग हो या आईजीएनपी चीफ इंजीनियर। सब माैन धारण कर चुके हैं। हनुमानगढ़ जाेन के दबाव में पूरा प्रशासन इसलिए भी है क्याेंकि इस घग्घर बाढ़ के कारण प्रदेश के नेता और अधिकारियाें की नजर हनुमानगढ़ पर है।

अनूपगढ़ ब्रांच से ही खाजूवाला में पानी जाता है। जिले के लिहाज से खाजूवाला बीकानेर का हिस्सा है। अभी घग्घर की बाढ़ के कारण सब डिस्टर्ब है। मैं ऐसी लाेकेशन पर हूं जहां फाेन तक नहीं लगता। जल्दी ही सारी चीजें पटरी पर आ जाएंगी।
-प्रदीप रुस्तगी, एडीशनल चीफ इंजीनियर रेग्युलेशन