कोटा ब्यूरो रिपोर्ट। 

बीजेपी विधायक मदन दिलावर के इस्तगासे पर अधीनस्थ कोर्ट द्वारा मुकदमा दर्ज करने के आदेश के खिलाफ पेश निगरानी याचिका की सुनवाई आज टल गई। मामले में आज फैसला आना था। कोर्ट ने इसके बजाय चार बिंदुओं पर दोबारा से बहस के लिए 24 जुलाई की पेशी तय की है।

फरियादी विधायक दिलावर के वकील मनोज पुरी ने बताया कि 6 जुलाई को पिछली पेशी पर निगरानी याचिका पर सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी की गई थी। न्यायालय अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश क्रम 5 ने निगरानी याचिका पर निर्णय देने के लिए 13 जुलाई की पेशी तय की थी। उन्होंने कहा कि ऐसे में आज हमने कोर्ट से निवेदन किया कि मामला लंबा होता जा रहा है। फरियादी को न्याय नहीं मिल रहा है। एक FIR दर्ज होने में इतना समय लग रहा है। न्याय व संविधान के सामने राजा व रंक सभी बराबर है और उसी को देखकर कोर्ट न्याय करे।

कोर्ट ने यह चार बिंदु तय किए

1. क्या मोदी शब्द (पदनाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) स्टेट की परिभाषा में आता है।

2. क्या पुलिस के द्वारा विचारण ने न्यायालय के आदेश की रिवीजन किए जाने से अनुसंधान पर प्रश्न चिन्ह लगने से अनुसंधान प्रभावित होने की श्रेणी में आता है।

3. क्या अनुसंधान एजेंसी परिवाद में अंकित धाराओं तक ही जांच करने तक सीमित है या बाद परिवाद अवलोकन अतिरिक्त धाराओं में भी जांच कर सकती है।

4. क्या विचारण न्यायालय के आदेश में किसी भी प्रकार का परिवर्तन हस्तक्षेप किए जाने से रिवीजन न्यायालय द्वारा 482 सीआरपीसी की परिधि में आने वाली उच्च न्यायालय की शक्तियों का प्रयोग तो नहीं किया जा रहा।

इधर, न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम संख्या 6 ने एफआईआर दर्ज नहीं करने को लेकर महावीर नगर थाना अधिकारी को आईपीसी की धारा 166 ए के तहत अवमानना का नोटिस जारी कर उन्हें 15 जुलाई को तलब किया है। जिसमें महावीर नगर थाना अधिकारी ने गुरुवार को एडीजे 5 कोर्ट में उपस्थित होकर प्रार्थना पत्र पेश किया। जिसमें उन्होंने अधीनस्थ न्यायालय द्वारा की गई अवमानना की कार्रवाई को निरस्त करने की मांग की है।

ये था मामला
13 मार्च को कांग्रेस पार्टी द्वारा जयपुर में आयोजित सभा में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भाषण दिया था। भाषण के खिलाफ 18 मार्च को विधायक दिलावर ने महावीर नगर थाने में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी। पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। जिसके बाद दिलावर की ओर से 3 मई को कोटा में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम 6 (ACJM -6) में कांग्रेस प्रभारी के खिलाफ इस्तेगासा पेश किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 15 मई को FIR दर्ज कर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। जिस पर कोर्ट के आदेश की वैधानिकता को चुनौती देते हुए 20 मई को महावीर नगर थाना सीआई, राज्य सरकार व सुखजिंदर सिंह रंधावा की तरफ ADJ -5 कोर्ट में दो निगरानी याचिकाएं पेश की थी।