श्रीगंगानगर ब्यूरो रिपोर्ट।
सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग को लेकर जिला बनाओ अभियान समिति की ओर से रविवार शाम को एक बैठक कर 17 जुलाई से सूरतगढ़ को अनिश्चितकाल के लिए बंद किए जाने का निर्णय लिया गया। समिति के अध्यक्ष विष्णु शर्मा की अध्यक्षता में सेन मंदिर में हुई बैठक में सर्वसम्मति से 17 जुलाई से बाजार बंद, अनाज मंडी बंद, शिक्षण संस्थाएं बंद और सरकारी कार्यालयों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया।
इसके लिए सभी संस्थाओं, सभी संगठनों, स्टीयरिंग कमेटी के सदस्यों, व्यापारी एसोसिएशन, व्यापार मंडल, पंचायत समिति के प्रधान, सरपंच, चेयरमेन, पार्षद और डायरेक्टर तक के जनप्रतिनिधियों की 9 जुलाई को एक आवश्यक बैठक भी आहूत की गई है। जिसमे जिले की मांग को लेकर किए जाने वाले अनिश्चितकालीन शहर बंद के लिए अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।
समिति के अध्यक्ष एडवोकेट विष्णु शर्मा ने बताया कि सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग करते हुए क्षेत्र की जनता को 40 साल से अधिक का समय हो गया है। हाल ही में राज्य सरकार द्वारा घोषित किए गए 19 जिलों में भी सूरतगढ़ का नाम नहीं आना केवल राजनीतिक उपेक्षा है। जिसे लेकर पिछले एक 104 दिन से महाराणा प्रताप चौक पर क्षेत्र के लोग आंदोलित है और धरना प्रदर्शन तथा क्रमिक अनशन का दौर जारी रखे हुए हैं।
जिले की मांग को लेकर इन साढ़े तीन माह में समिति अब तक बाजार बंद, हाईवे जाम, ब्लैकआउट, कैंडल मार्च, रैली, उपखंड कार्यालय का घेराव, ज्ञापन, पेयजल टंकी पर प्रदर्शन, नुक्कड़ सभाएं, पोस्टर प्रचार, महासभा और काली पट्टी बांधने के विरोध समेत अनेकों क्रियाकलाप कर चुकी, मगर फिर भी राज्य सरकार ने इस ओर गंभीरता नहीं दिखाई।
बैठक में समिति के संयोजक के किशोर कुमार गाबा, पूर्व विधायक राजेंद्र भादू, पूर्व विधायक अशोक नागपाल, भाजपा नेता राकेश बिश्नोई, सत्यनारायण छींपा, पार्षद और पीसीसी सदस्य परसराम भाटिया, शिक्षाविद डॉ सचिन जेतली, प्रमोद ज्याणी, रमेश चंद्र माथुर, महावीर भोजक, योगेश स्वामी, राकेश नायक, घनश्याम भटेजा, लेखराज छाबड़ा, अवतार सिंह सरां समेत अनेक जन मौजूद रहे।
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