जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

प्रदेश के 15.50 लाख कृषि कनेक्शनों में से 4.5 लाख किसानों को मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना में हर माह 2000 यूनिट फ्री बिजली का फायदा नहीं मिलेेगा।

प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में भूजल काफी नीचे है। ऐसे में पानी दोहन के लिए 10 हाॅर्स पावर से ज्यादा क्षमता के पंप लगाने पड़ रहे हैं। जिन किसानों के कुएं और ट्यूबवेल में 15 हाॅर्स पावर से ज्यादा का पंप लगा हुआ है और उनका 2000 यूनिट से ज्यादा का बिल आता है, तो इन्हें बिल चुकाना पड़ेगा। हालांकि इन किसानों को मुख्यमंत्री किसान मित्र योजना के तहत हर महीने 1000 रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी। पश्चिमी राजस्थान के जिलों बीकानेर, जोधपुर सहित अन्य जिलों के दो लाख से ज्यादा किसानों को बिल देना होगा।

जयपुर डिस्कॉम के किसानों को मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना में सबसे कम बिल देना होगा। भूजल का लेवल सात जिलों में ज्यादा गहराई में हैं। किसान 20 एचपी और जोधपुर में औसतन 25 एचपी से ज्यादा क्षमता के बिजली कनेक्शन चला रहे हैं। जोधपुर, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, गंगानगर व बीकानेर के कई किसान छूट के दायरे से बाहर हो गए हैं। वहीं पाली, सिरोही व हनुमानगढ़ में जलस्तर ज्यादा गहराई में नहीं होने के कारण यहां 15 एचपी तक के बिजली कनेक्शन चल रहे हैं। भारतीय किसान संघ के तुलछाराम सिंवर का कहना है कि 2000 यूनिट की छूट का लाभ अधिकांश किसानों को नहीं मिल रहा हैं। सात जिलों में जल स्तर काफी नीचे होने कारण 15 एचपी से ज्यादा के कनेक्शन हैं। नियम में संशोधन नहीं किया गया तो किसान 15 अगस्त के बाद बड़ा आंदोलन करेंगे।

ऐसे समझें, इसलिए नहीं मिलेगी छूट

  • जिन कृषि उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगा है, लेकिन खराब होने के कारण औसत बिल भेजा जा रहा है। इन किसानों इन्हें भी छूट से बाहर कर दिया गया है।
  • रेवेन्यू विंग के आदेशों में साफ किया गया है कि कृषि कनेक्शन पर डिफेक्टिव मीटर लगा होने पर अतिरिक्त लाभ नहीं दिया जाएगा।
  • डिस्कॉम कृषि कनेक्शनों पर लगे खराब मीटर नहीं बदल रहा है। ऊर्जा राज्य मंत्री व चेयरमैन डिफेक्टिव मीटर को बदले के निर्देश दे रहे हैं।

सालाना 2000 करोड़ रु. की सब्सिडी
नए वित्तीय वर्ष से 100 यूनिट फ्री बिजली के दायरे में 13.24 लाख उपभोक्ता हैं। पहले 740 करोड़ रुपए खर्च होते थ। अब 1250 करोड़ खर्च होंगे। कृषि उपभोक्ताओं को एक हजार यूनिट तक फ्री बिजली दी जा रही थी। अब दो हजार यूनिट तक दायरा बढ़ाया गया। इस श्रेणी में कृषि के 4.05 लाख उपभोक्ता शामिल हैं। सालाना करीब 800 करोड़ का वित्तीय भार डिस्कॉम पर आएगा। दोनों ही श्रेणी की सब्सिडी जोड़ दें तो ये आंकड़ा 2000 करोड़ से ज्यादा बैठता है।

कनेक्शन होने पर भी मीटर खराब होगा तो भी छूट नहीं दी जाएगी
कृषि कनेक्शन पर सही मीटर लगा हुआ है तो 2000 यूनिट फ्री बिजली का किसानों को फायदा मिलेगा। यदि मीटर में 2500 यूनिट आते है तो 2000 यूनिट फ्री मिलेंगे। यदि डिफेक्टिव मीटर है तो 2000 यूनिट से कम बिजली उपभोग होने पर भी एक हजार रु. माह की सब्सिडी ही मिलेगी।
-प्रमोद टांक, एमडी, जोधपुर डिस्कॉम