भरतपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

भरतपुर के आमोली टोल प्लाजा (हलेना थाना) पर बुधवार दोपहर करीब 12:15 बजे भाजपा नेता कृपाल जघीना हत्याकांड के मुख्य आरोपी कुलदीप जघीना की गोलियाें से भूनकर हत्या कर दी गई। कुलदीप और उसके साथी विजयपाल पर उस समय हमला किया गया जब उन्हें जयपुर से भरतपुर कोर्ट में पेश करने के लिए रोडवेज बस में ले जाया जा रहा था।

कार में सवार होकर आए करीब 7 से 8 बदमाशों को पहले से पता था कि बस आमोली टोल प्लाजा से होकर गुजरेगी और यही सही मौका होगा। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि कृपाल हत्याकांड का बदला लिया गया है। पुलिस ने इस हत्याकांड के चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया है।

फायरिंग के दौरान बस में करीब 55 यात्री थे। जब बदमाशोंं ने एक के बाद एक फायर किए तो यात्री बस में छुपने की जगह ढूंढते रहे। बदमाशों ने इस तरह से घेराबंदी कर रखी थी कि किसी को भी नीचे उतरने का मौका नहीं मिला।

एक यात्री रूपबास निवासी मनोज कुमार (30) पुलिसकर्मियों के पास बैठा था। फायरिंग के दौरान उसने बचने की कोशिश भी की, लेकिन बच नहीं पाया। उसकी पीठ के नीचे वाले हिस्से में गोली लगी। मनोज अभी आरबीएम हॉस्पिटल में एडमिट है। 70 साल की महिला रामपति भी घायल हो गई थी। जिनके बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है। बाकी यात्रियों को दूसरी बस से रवाना कर दिया गया।

जो देखा... वह डराने वाला था, पढ़िए पूरी घटना प्रत्यक्षदर्शी मनोज की जुबानी...
मैं रूपबास (भरतपुर) का रहने वाला हूं। किसी काम से बुधवार को दौसा गया था। सुबह करीब 11 बजे दौसा रोडवेज बस स्टैंड से जयपुर से आने वाली बस में बैठा था। पूरी तरह भरी बस में करीब 55 यात्री थे। मैं जब बस में घुसा तो करीब 6 पुलिसकर्मी दो बदमाशों को लेकर बैठे थे।

मुझे पता नहीं था कि ये कौन हैं और कहां से आ रहे हैं। इन्हीं पुलिसकर्मियों के पास एक सीट खाली थी तो मैं भी उनके पास जाकर बैठ गया। मेरे पास में ही एक बुजुर्ग महिला बैठी थीं। पुलिसकर्मी बार-बार दोनों बदमाशों के पास आते और कुछ चेक कर दोबारा सीट पर बैठ जाते।

टोल प्लाजा पर पर्ची कटवा रहे थे कि अचानक बस के आगे कार आ गई
दोपहर करीब 12:15 बजे आमोली टोल प्लाजा पर बस पहुंची थी। यहां पहले से एक लेन में ट्रक की लंबी लाइन थी।
बस जैसे ही टोल प्लाजा के काउंटर पर पहुंची तो ड्राइवर वहां पर्ची कटवा रहा था। तभी टोल पर पहले से मौजूद एक ब्लू रंग की कार आकर बस के आगे रुकी।

ड्राइवर को भी समझ नहींं आया कि आखिर हुआ क्या? बस ड्राइवर और दूसरे यात्री कुछ समझ पाते, इतने में ही कार से 7 से 8 बदमाश नीचे उतरे और बस को घेर लिया।

घेराबंदी कर फायरिंग की, बस से उतरने का मौका ही नहीं मिला
इन बदमाशों ने बस को पूरी तरह से घेर लिया था। किसी को पता नहीं था कि अगले ही पल में फायरिंग होने वाली है।
अधिकांश के चेहरे ढके हुए थे। पुलिसवालों को भी कुछ समझ नहीं आया। इतने में बदमाशों ने अपनी जेब से लाल मिर्च पाउडर निकाला और उनकी आंखों में डाल दिया।

मैं तो डर गया कि आखिर ये हुआ क्या है। इतने में ही बदमाशों ने हथियार निकाले और फायरिंग शुरू कर दी। करीब 5 मिनट तक फायरिंग की। मैं पूरी तरह से डरा हुआ था। गोलियों की आवाज से पूरी रोडवेज बस गूंज गई थी। खिड़की से बाहर देखा तो टोल पर मौजूद लोग भी गोलियोंं की आवाज सुन इधर-उधर भागने लग गए थे।

यात्री चिल्ला रहे थे। बदमाशों ने किसी को बस से उतरने का मौका ही नहीं दिया। सभी सीट के नीचे छुप कर अपनी जान बचा रहे थे। मैं और मेरे पास वाली सीट पर बैठी बुजुर्ग महिला दोनों सीट के नीचे छुपने का प्रयास कर रहे थे, तभी बदमाशों की फायरिंग से हम दोनों को भी गोली लगी।

ये गोली मेरी पीठ के नीचे वाले हिस्से पर लगी। विजयपाल ने भी सीट के नीचे छुपने का प्रयास किया, इसलिए वह बच गया और गोली उसके हाथ में लगी। कुलदीप को मौका तक नहीं मिला। ऐसा लग रहा था कि बदमाश उसी को टारगेट कर रहे हैं। और, हम सभी के सामने कुलदीप की हत्या कर दी।

गोलियों की आवाज सुन कर्मचारी भागने लगे
इधर, इस घटना के बाद का एक वीडियो सामने आया है। यह वीडियो टोल पर मौजूद एक कार ड्राइवर ने बनाया है। फायरिंग के दौरान टोल पर ट्रकों की लंबी लाइन लग गई थी। वहीं लेन में खड़ी कारों को भी उनके ड्राइवर 200 मीटर दूर लेकर चले गए। गोलियों की आवाज से टोल पर दहशत फैल गई और वहां मौजूद कर्मचारी भी भागने लगे।

इस वीडियो में भी नजर आ रहा है कि घटना के बाद बस में बैठे पुलिसकर्मी और यात्री नीचे उतर हाईवे की तरफ भाग रहे हैं।

बस के आगे गाड़ी लगाकर की फायरिंग: एसपी
एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि आमोली टोल प्लाजा पर 7 से 8 बदमाशों ने बस के आगे गाड़ी लगाकर ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए घटना को अंजाम दिया। विजयपाल के हाथ पर गोली लगी है। आरोपियों की पहचान कर ली गई है। जो गाड़ी बस के आगे लगाई गई थी, वह पुलिस ने बरामद कर ली है।

6 चलानी गार्ड दोनों आरोपियों को जयपुर से लेकर आ रहे थे। घटना में किसी भी पुलिसकर्मी को गोली नहीं लगी है। छोटी-मोटी चोट आई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर ली गई है। देर शाम तक चार आरोपी विष्णु, सौरभ, धर्मराज और बबलू को हिरासत में लिया।