हनुमानगढ़ ब्यूरो रिपोर्ट। 

हनुमानगढ़ घग्घर में पानी की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है। रविवार को घग्घर में पानी की मात्रा बढ़कर 12 हजार 200 क्यूसेक हो गई। ओटू हेड पर भी एक हजार क्यूसेक पानी बढ़ गया। ऐसे में बाढ़ का खतरा बरकरार है। ओटू हेड से पहले सारदुलगढ़ पर नदी ओवरफ्लो होने के कारण गेज नोट नहीं हो रही। जल संसाधन विभाग की ओर से घग्घर साइफन पर आ रहे पानी को नाली बेड और सेमनाला में चलाया जा रहा है। रविवार को नाली बेड में पानी की मात्रा बढ़ाकर 4800 क्यूसेक कर दी गई, वहीं सेमनाला में 7300 क्यूसेक पानी चलाया जा रहा है। एक दिन पहले शनिवार को नाली बेड में 4700 और सेमनाला में 6750 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया जा रहा था।

आईजीएनपी की आरडी 629 पर बनाए गए एस्केप से अब तक कोई बड़ी राहत नहीं मिली है। मात्र दो गेटों से भी सिल्ट की सफाई नहीं हो पाई है। इस कारण आईजीएनपी में 100 क्यूसेक से भी कम पानी चल रहा है। बाकी गेट अब भी मिट्टी से भरे हुए हैं। रविवार शाम तक कुल 694 लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो गए। टिब्बी तहसील में 310, हनुमानगढ़ में 184 और पीलीबंगा तहसील में 200 व्यक्ति सुरक्षित स्थानों पर चले गए। उधर, जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर ने विभाग के पीलीबंगा उपखंड के जेईएन कृष्ण कुमार कस्वां को निलंबित किया है। नाली बेड में सुरक्षा कार्यों का नकारात्मक दुष्प्रचार करने के आरोप में निलंबित किया गया है। इनका मुख्यालय मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग जयपुर में रहेगा।

जिला प्रशासन की ओर से टिब्बी, हनुमानगढ़ और पीलीबंगा तहसील क्षेत्र में कमजोर बंधों को चिह्नित किया गया है। चिह्नित बंधों का जायजा लेने के लिए रविवार को भास्कर टीम पन्नीवाला, पीरकामड़िया और गंगागढ़ में पहुंची। यहां मौके पर विभिन्न विभागों के नियुक्त अधिकारी निरीक्षण करते मिले। सभी कमजोर बंधों के पास मिट्टी के थैले भरवाकर रखे गए हैं।आमजन में यही चर्चा है कि नाली बेड में अगर पानी की मात्रा में इजाफा होता है तो यह टिब्बी तहसील में टूट सकती हैं। इन क्षेत्रों के ग्रामीणों में अब भी कोई भय का माहौल नहीं है। ग्रामीणों ने बातचीत में बताया कि यहां से पर्याप्त मात्रा में पानी क्रॉस हो सकता है। सबसे खास बात है कि कमजोर बंधों को ग्रामीण अपने स्तर पर भी मजबूत करने में लगे हुए हैं। गांव पीरकामड़िया, शेरेकां और गंगागढ़ के पास ग्रामीण बंधों के आस-पास मिट्टी के थैले लगा रहे हैं।

भद्रकाली मंदिर के पास कॉज-वे पर बढ़ा पानी का बहाव
नाली बेड में पानी की मात्रा रविवार को बढ़ाकर 4800 क्यूसेक कर दी गई। जल संसाधन विभाग के अनुसार इसमें अधिकतम 5 हजार क्यूसेक पानी चल सकता है। पानी की मात्रा बढ़ते ही नाली बेड में बहाव तेज हो गया है। भद्रकाली मंदिर के पास बने कॉजवे के ऊपर से लगभग 2 फीट पानी बह रहा है। यहां पिछले कई दिनों से आवागमन बंद है। अब प्रशासन और सतर्क हो गया है। दिन-रात पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। आमजन से भी कॉजवे के ऊपर से नहीं जाने की अपील की जा रही है। इसके साथ ही एसडीएम डॉ. अवि गर्ग की ओर से भी हर दिन इस कॉजवे का निरीक्षण किया जा रहा है। एसडीएम द्वारा भद्रकाली मंदिर के पास 100 मीटर की परिधि में नहीं जाने और सेल्फी नहीं लेने की अपील की है। उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि जब तक स्थिति सामान्य न हो तब तक मंदिर में पुजारी ही पूजा करें। मंदिर के आस-पास लगने वाली अस्थाई दुकानों को भी आगामी कुछ दिन तक नहीं लगाने के लिए कहा गया है। जंक्शन-टाउन रोड पर भी लोग वाहन रोककर खड़े हो जाते हैं जिससे आवागमन बाधित होता है।

जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर अमरजीत सिंह मेहरड़ा ने बताया कि हरियाणा के सारदुलगढ़ से 53 हजार क्यूसेक पानी रिलीज हो चुका है जो 14 घंटे बाद ओटू हेड पहुंचेगा। यह पानी ओटू हेड से नीचे आना तय है। ऐसे में घग्घर साइफन में भी पानी और बढ़ेगा। किसी भी व्यक्ति को भ्रांति में नहीं रहना चाहिए। आज बहाव क्षेत्र के ग्रामीणों और सरपंचों के साथ चर्चा कर लगातार अपने क्षेत्र में वाचिंग करने की अपील की गई। सभी सरपंचों ने सहयोग का आश्वासन दिया। विभाग अपने स्तर पर हर कार्य कर रहा है।