श्रीगंगानगर - राकेश शर्मा
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदेश व्यापी आह्वान पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हजारों नर्सेज नर्सिंग कर्मी अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बजाएंगे। पिछले 72 दिनों से अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे नर्सिंग कर्मियों ने अब आर-पार की लड़ाई का मूड बना लिया है नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि उनकी 11 सूत्री मांगों में केंद्र के समान वेतनमान देने, नर्सिंग के सभी पदों का पुनर्गठन करने ,एएनएम और नर्सिंग ट्यूटर का पद नाम परिवर्तन करने, संविदा सेवा से नियमित हुए नर्सेज की संविदा सेवा का नोशनल लाभ दिया जा कर इस अवधि के उपार्जित अवकाश जोड़ने ,नर्सिंग कर्मियों की संविदा भर्ती पर रोक लगाने तथा सभी प्रकार के संविदा नर्सेज को नियमित करने और  एक समान नर्सेज के प्रथम वेतन के समान करने, नर्सिंग निदेशालय की स्थापना करने ,सभी नर्सेज को समयबद्ध पदोन्नति देने, नर्सिंग ट्यूटर एवं नर्सिंग ऑफिसर का पद राजपत्रित करने तथा नर्सिंग स्कूलों के प्रिंसिपल को आहरण वितरण अधिकार देने संबंधी उनकी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन चल रहा है ।  लेकिन सरकार ने अभी तक इस दिशा में कोई सकारात्मक संकेत नहीं दिए हैं ।
आज मूनलाइट होटल में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र शेखावत ने पत्रकार वार्ता में कहा कि सरकार के साथ अपनी मांगों को लेकर अब आर-पार की लड़ाई का समय आ गया है। इसके लिए वे चरणबद्ध रूप से अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे।
उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री कहते हैं कि आप मांगते मांगते थक जाओगे लेकिन नर्सिंग कर्मियों द्वारा लगातार मांग करने के बाद भी उनकी मांगों पर कोई कदम नहीं उठाया गया। अपने आंदोलन की रूपरेखा बताते हुए नरेंद्र शेखावत और राजेंद्र सिंह राणा ने कहा कि 26 से 31 जुलाई तक प्रदेश के सभी सांसदों विधायकों जिला प्रमुख को प्रधानों के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भिजवाए जाएंगे।  1 अगस्त से प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में 2 घंटे गेट मीटिंग करके विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
वहीं 2 अगस्त से 9 अगस्त तक सभी ब्लाक मुख्यालयों प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 2 घंटे गेट मीटिंग करके विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा अगर सरकार का मूड सकारात्मक नहीं रहा तो दिनांक 10 अगस्त को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर जिला भर के नर्सेज विरोध करेंगे और 23 अगस्त को सामूहिक अवकाश की सूचना मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को देंगे ।
14 अगस्त को स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर जिला मुख्यालय पर शाम को 7:00 बजे कैंडल मार्च किया जाएगा। 15 अगस्त को 10:00 बजे धरना स्थल पर ध्वजारोहण किया जाएगा ,इसके बाद 16 अगस्त से 22 अगस्त तक पूरे राजस्थान के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में सुबह 8:00 से 10:00 तक विरोध प्रदर्शन करके गेट मीटिंग की जाएगी। 23 अगस्त के सामूहिक अवकाश की सूचना संस्थान के प्रभारी को देंगे वही 23 अगस्त को आपातकालीन सेवा को छोड़कर राजस्थान के नियमित सेवारत नर्सेज एएनएम नर्सिंग शिक्षक नर्सिंग प्रशिक्षणार्थी द्वारा जयपुर में हजारों की संख्या में जयपुर में रैली निकालकर विरोध दर्ज करवाएंगे ।
इस अवसर पर राजेंद्र सिंह राणा ने कहा कि प्रदेश में नर्सिंग कर्मियों की हालत दोयम दर्जे की हो रही है उन्होंने कहा कि नर्सिंग ट्यूटर एवं उनके अनेक अधिकारी समयबद्ध पदोन्नति के मोहताज रहे हैं ।
गौरतलब है कि समकक्ष केडर से भी उन्हें मूल वेतन में ₹22000 तक कम मिलते हैं, ऐसे में उनका आंदोलन करना वाजिब है। उन्होंने कहा कि एसीपी भी बिहार हरियाणा पंजाब से समय पर नहीं लग पा रही है।
बिहार हरियाणा पंजाब में वेतन सक्षम को काफी ज्यादा मिल रहा है उन्होंने कहा कि एल 13 और एल14 का एक समान 5400 ग्रेड पे भी गलत है।
प्रदेश प्रदेश संघर्ष समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह ने कहा कि नरसिंह छात्रों को सरकार द्वारा दिया जाने वाला स्थाई फंड पिछले 30 सालों से ₹150 महीना है यह भी आज के महंगाई के दौर में ऊंट के मुंह में जीरे के समान है उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर के बीच का रास्ता नहीं निकाला तो निश्चित रूप से आर-पार की लड़ाई के मूड में नर्सेज संघ समिति होगी।
इस अवसर पर जिला संयोजक रविंद्र शर्मा, मोहनलाल जाट, कविता राजेंद्र बुडानिया ,नंदकिशोर, जसपाल ,श्याम गोस्वामी, सुमित गांधी एवं अनेक नर्सिंग कर्मी भी मौजूद रहे।