भरतपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

भरतपुर कुलदीप जघीना हत्याकांड में पुलिस जांच के आगे बढ़ने के साथ-साथ नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने अभी तक हत्याकांड से जुड़े 12 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस, हत्याकांड में इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार, वाहन और अन्य साधनों को बरामद करने का प्रयास कर रही है।

घटना को अंजाम देने के लिए प्रयोग किए जाने वाले 7 हथियारों में से 5 बरामद कर लिए हैं। भरतपुर एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि कुलदीप पर फायरिंग करने के लिए जिन हथियारों का प्रयोग किया गया था वह सभी देशी हैं। जिनमें से एक कृपाल जघीना का लाइसेंसी रिवॉल्वर है, जिससे पंकज फायर करता हुआ सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है। इसके अलावा एक बारह बोर, दो पिस्टल 32 बोर, एक 315 बोर देशी कट्टे सहित एक कृपाल जघीना का लाइसेंसी रिवॉल्वर भी बरामद किया है। अभी तक आरोपियों की पूछताछ और पहचान में आए 7 हथियारों में से 5 बरामद कर लिए गए हैं। बरामद किए गए हथियारों को फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेज दिया है। दो दिन पूर्व गंभीरी नदी से एक देशी कट्टा बरामद किया गया था जो आरोपी देवेंद्र ने घटना को अंजाम देने के बाद भागते समय फेंका था। गौरतलब है कि दो दिन पूर्व पांचना बांद करौली में एसडीआरएफ टीम और गोताखोरों की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया था जिसमें सफलता नहीं मिली। वहीं कुलदीप जघीना के परिजन एसपी से मिले । परिजनों ने कुंवरजीत सिंह और विजयपाल को जयपुर से सेवर जेल भरतपुर में स्थानांतरित करने का आग्रह किया। कुलदीप के परिजनों का कहना है कि जयपुर में कुंवरजीत और विजयपाल सुरक्षित नहीं है। भरतपुर में आमोली टोल प्लाजा पर पुलिस हिरासत में रोडवेज बस में सवार गैंगस्टर कुलदीप जघीना की हत्या के मामले में एसआईटी जांच रिपोर्ट के आधार पर लापरवाही करने वाले 11 पुलिसकर्मियों को बुधवार को सस्पेंड कर दिया गया।

गौरतलब है कि हत्याकांड के बाद आईजी (क्राइम) प्रफुल्ल कुमार के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने जांच रिपोर्ट दो दिन पहले ही डीजीपी उमेश मिश्रा को सौंपी थी। उक्त जांच रिपोर्ट में बस में सवार चालानी गार्ड व भरतपुर में बस की एस्कॉर्ट कर रही टीम की लापरवाही मानी गई है। जिसके आधार पर भरतपुर के हलैना थाने से एस्कॉर्ट प्रभारी एसआई हरेन्द्र सिंह, कांस्टेबल सत्यवीर, चंद्रपाल व जगवीर सिंह को सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही जयपुर कमिश्नरेट से चालानी गार्ड प्रभारी हैड कांस्टेबल शंकर लाल, कांस्टेबल महेन्द्र, सुरेन्द्र, सुरेन्द्र, रोहित, जितेन्द्र व नेमीचंद को सस्पेंड कर दिया गया। अन्य कार्मिकों की भूमिका की जांच रिपोर्ट कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को भेजी गई।