जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जोधपुर में 11 दिन पहले जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के काफिले की कार से टकराकर घायल हुए युवक ने शनिवार को दम तोड़ दिया। यह हादसा 27 जून को हुआ था। जोधपुर के महामंदिर थाना क्षेत्र निवासी 27 वर्षीय जगदीश सुथार बुरी तरह घायल हो गया था। वह मथुरादास माथुर अस्पताल में आईसीयू में भर्ती था। इसकी आज मौत हो गई।मौत की खबर के बाद मथुरादास माथुर अस्पताल की मॉर्च्युरी के बाहर परिजन व समाज के लोग एकत्र हुए और घटना पर आक्रोश जता रहे है।

परिजनों का कहना है कि 11 दिन का संघर्ष करने के बाद जगदीश की मौत हो गई। 1 करोड़ की मांग व सरकारी नौकरी को लेकर धरना दिया जा रहा है।अध्यक्ष सुथार समाज वासूदेव का कहना है कि जब तक मांगे नहीं मानेंगे बॉडी नहीं उठाएंगे। इस हादसे को लेकर शेरगढ के पूर्व विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने भी शेखावत से इलाज के लिए बंदोबस्त व परिवार काे आर्थिक सहयोग देने का आग्रह किया था। हालांकि शेखावत भी हादसे के बाद घायल जगदीश से मिलने अस्पताल आए थे। लेकिन किसी भी तरह के आर्थिक सहयोग नहीं देने पर बाबू सिंह राठौड़ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल विरोध जताया था।

काफिले की सफारी ने सामने से मारी थी टक्कर

30 जून को जगदीश के पिता अमाना राम ने महामंदिर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिसमें बताया गया था कि 27 जून को उसका बेटा जगदीश दोपहर करीब 3 बजे पावटा की तरफ जा रहा था। वह मटकी चौराहे की ओर से शक्ति नगर गली नं एक बैंक ऑफ बडोदा के एटीएम के सामने पहुंचा ही था कि आरटीओ की ओर से मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का काफिला आ रहा था।

काफिले के पीछे तेज गति से आ रही सफारी गाड़ी ने बाइक पर चल रहे जगदीश को सामने से टक्कर मारी और जगदीश बुरी तरह जख्मी हो गया। उसके सिर पर गहरी चोट आई और उसे मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

विधायक का आरोप- हाल तक नहीं पूछा

कांग्रेस विधायक मनीषा पंवार ने कहा कि यह दुखद घटना है। केंद्रीय मंत्री के काफिले से कुछ दिन पहले हादसा हो गया था। जिसमें जगदीश सुथार घायल हो गए थे। जिन्हें एमडीएम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। आज उनका निधन हो गया।

हम जगदीश सुथार के परिवार के साथ हैं। ईश्वर उन्हें यह आघात सहने की शक्ति दे। दर्दनाक होने के साथ ही यह घटना अशोभनीय और निंदनीय भी है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के काफिले की कार ने जगदीश सुथार को टक्कर मारी, तब मंत्री उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराने भी नहीं आए।

हादसे के बाद 11 दिन तक घायल का हाल-चाल तक नहीं पूछा। न ही परिवार को किसी तरह का संबल दिया। हम पहले भी परिवार से मिले थे और इस बारे में सीएम से भी बात की। राज्य सरकार की ओर से जगदीश सुथार का अच्छा इलाज चल रहा था।

कैबिनेट मंत्री ने पीड़ित परिवार से सुख-दुख की खबर तक नहीं ली। पीड़ित परिवार के साथ खड़े नहीं हुए। उनसे कहना चाहती हूं कि कानों से रुई निकालकर पीड़ित परिवार की बात सुनें, बात सुनकर उनकी मांगें पूरी करें।