उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

उदयपुर में क्षेत्रीय वन अधिकारी और तत्कालीन रेंजर नरपत सिंह राठौड़ एसीबी द्वारा ट्रेप कार्रवाई से बच निकले। बताया जा रहा है कि भनक लगने से पहले ही भ्रष्टाचारी सतर्क हो गए। ऐसे में कार्रवाई सफल नहीं हो पाई।

हालांकि एसीबी उदयपुर की टीम ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। बता दें, नरपतसिंह राठौड़ को सेंगरा वनखंड में 22 बीघा जमीन को खुर्द-बुर्द करने के मामले में हाल ही निलंबित कर बीकानेर भेजा जा चुका है।

विकास कार्यक्रम के नाम पर 10 लाख रूपए रिश्वत लेने का है आरोप
एसीबी के एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने बताया कि अप्रैल माह में मोजावद गोगुंदा में तैनात वनपाल ने एसीबी में शिकायत दी थी कि वानिकी विकास कार्यक्रम के तहत 10 लाख रुपए का कमिशन लेने के लिए क्षेत्रीय वन अधिकारी रवि माथुर व रेंजर नरपत सिंह राठौड़ पिछले कई महिनों से दबाव बना रहे है।

पूर्व में वनपाल ने साढ़े 3 लाख रुपए की राशि दे दी जबकि साढ़े 6 लाख रुपए की राशि के लिए लगातार प्रताडि़त कर रहे थे। ऐसे में वनपाल ने एसीबी की टीम से शिकायत की लेकिन दोनों ही शातिर निकले और एसीबी की कार्रवाई को भांप गए। ऐसे में एसीबी की कार्रवाई विफल रही। हालांकि रिश्वत की मांग करने को लेकर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। एसीबी की टीम इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगी।